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बॉम्बे हाईकोर्ट: घरों के पुनर्वसन में होलसेल रैकेटियरिंग और घुसपैठ से हो रहा भारी नुकसान
- झोपड़ाधार के बिल्डरों से बकाया किराए की मांग
- 89 लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि मुंबई में घरों के पुनर्वसन में होलसेल रैकेटियरिंग तस्करी से भारी नुकसान हो रहा है। सरकार को ऐसे मकानों को वापस लेने और उन्हें अन्य सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के लिए कठोर प्रावधान क्यों नहीं करना चाहिए? अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को रखी है।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने सोमवार को झोपड़ाधारकों के बिल्डरों से बकाया किराए नहीं चुकाने को लेकर 89 लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई। खंडपीठ ने कहा कि अब ऐसे साधन ढूंढना जरूरी है, जिससे राज्य सरकार और झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) को उन लोगों को बेदखल करने की संक्षिप्त शक्तियां मिलें, जो मूल रूप से आवंटी किए जाने के हकदार नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि अगर पुनर्वास घरों में इस तरह की अवैध घुसपैठ होती है, तो एसआरए और राज्य सरकार के पास कानून के शासन की प्रधानता के समर्थन में एक प्रावधान होना चाहिए, यह भले ही कठोर क्यों न हो।
खंडपीठ ने कहा कि एसआरए के पुनर्वास के मकानों के इन अवैध हस्तांतरणों के संबंध में कुछ कदम उठाए जाने की जरूरत हैं। अदालत ने कहा कि नि:शुल्क स्वामित्व पुनर्वास आवास का आवंटन कथित तौर पर हस्तांतरण प्रतिबंध के साथ होता है, यानी 10 साल तक कोई स्थानांतरण नहीं होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि एसआरए के पास इन स्थानांतरणों को नियंत्रित करने के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है।
Created On :   10 Oct 2023 3:16 PM GMT