मदद: मिट्टी के ढेर में पिछले 17 दिनों से दबे राकेश के परिवार से मिले मुख्यमंत्री शिंदे

मिट्टी के ढेर में पिछले 17 दिनों से दबे राकेश के परिवार से मिले मुख्यमंत्री शिंदे
  • चांद-सितारों का पता लगाया जा रहा है
  • एक आदमी की जान जा रही उसका पता नहीं लगा पा रहे - पीड़ित की पत्नी
  • सीएम बोले - मैं आ गया ना.. सेना को बचाव कार्य में लगाया है

डिजिटल डेस्क, मुंबई। साहब, चांद सितारा का पता लगाया जा रहा और यहां एक आदमी की जान जा रही है, उसका पता नहीं लगा पा रहे हैं। वो घर में एकमात्र कमाने वाले थे, वही हमारा सहारा थे साहब। यह दु:ख 37 वर्षीय राकेश यादव की पत्नी सुशीला का है। राकेश नवघर में सूर्या जल परियोजना के सुरंग की खुदाई के दौरान मिट्टी ढहने से उसमें फंस गए हैं। यह घटना 17 दिन पहले हुई थी, तभी से उनका पता नहीं लगाया जा सका है। शुक्रवार को दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्यों का जायजा लेने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहुंचे। उन्होंने राकेश की पत्नी और पिता भालचंद्र यादव से भेंट की। जिसमें परिवार ने अपना दुख व्यक्त किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सेना की मदद से बचाव कार्य को आगे बढ़ाने की घोषणा की और परिवार की सहातया को लेकर भी जानकारी दी।

दरअसल, नवघर गांव में सूर्या जलपरियोजना के लिए खुदाई चल रही थी। पालघर में स्थित सूर्या बांध से मीरा-भायंदर को जलापूर्ति करने के लिए सुरंग निर्माण का काम चल रहा है। इसमें खुदाई की मशीन (पोकलेन) चालक राकेश यादव काम कर रहे थे। इसी दरम्यान मिट्टी का बड़ा सा ढेर ढह गया, जिसमें राकेश मशीन के साथ दब गए। यह घटना 29 मई को हुई थी। तभी से मिट्टी के मलबे से राकेश को बाहर निकालने की कोशिशें होती रहीं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली। इस हादसे के 17 दिन बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिंदे दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। वे पीड़ित परिवार से मिले तो परिवार की विवशता और दुख आंसू बनकर बहनेलगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सेना की मदद से बचाव कार्य को आगे बढ़ाने की घोषणा की साथ ही राकेश की मृत्यु की स्थिति में परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की।

पिता ने बताया बचाव कार्य था बंद

राकेश के पिता भालचंद्र यादव ने मुख्यमंत्री शिंदे को बताया कि जब हम पूछते थे कि कितना दिन लगेगा तो बचाव दल और प्रशासन की ओर से कहा जाता था कि दो दिन लगेगा। लेकिन आज पंद्रह दिन हो गए। यहां पांच दिन से काम बंद था। कल (गुरुवार) सभी मशीनें हटा ली गईं। यहां कोई नहीं था। एनडीआरएफ के लोग भी चले गए थे।

मैं आ गया हूं, सरकार आपके साथ है

मुख्यमंत्री शिंदे राकेश के परिवार से मुलाकात करके बोले मुझे जब पता चला तो मैं आ गया हूं। सरकार आपके साथ है। हमें इसमें से मार्ग निकालना है, इसके साथ ही परिवार को भी हमें ही संभालना है। मैंने कलेक्टर को कहा है कि परिवार के रहने की व्यवस्था यहीं पास में की जाए, जिससे परिवार बचाव कार्य को देख सके। इसके अलावा राकेश की मृत्यु की स्थिति में परिवार 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने ठेकेदार कंपनी एल एंड टी की जांच का आदेश भी दिया है।

क्या है घटना

29 मई की रात 9 बजे मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर स्थित नवघर गांव में सुरंग की खुदाई के दौरान मिट्टी ढह (भूस्खलन) गई थी। इस दुर्घटना में पोकलेन (खुदाई की मशीन) चालक राकेश यादव मिट्टी में दब गए। इसके बाद से ही एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और एमएमआरडीए के अधिकारी शोध और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। लेकिन उन्हेंपोकलेन और राकेश यादव का कोई सुराग अब तक नहीं मिल पाया है।

रोजी-रोटी के चक्कर में आए थे मुंबई

प्राप्त जानकारी के अनुसार राकेश यादव का परिवार उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहनेवाला है। 37 वर्षीय राकेश मुंबई में रोजी-रोटी कमाने आए थे। परिवार में पिता भालचंद्र के अलावा पत्नी सुशीला, दो बेटी और एक बेटा है। बच्चे 13 साल से 7 साल के बीच हैं। अपने परिवार में वह एकमात्र कमाने वाले थे।

Created On :   14 Jun 2024 9:51 PM IST

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