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विधानसभा चुनाव: चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा - महायुति में 10 सितंबर तक हो जाएगा सीटों का बंटवारा
- मेरिट के आधार पर होगा सीटों का बंटवारा
- तीनों दल लोकसभा चुनाव की पुनरावृत्ति नहीं चाहते
- बैठक में पार्टी विरोधी बयानबाजी पर भड़के अजित पवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई. महायुति के तीनों दल लोकसभा चुनाव की पुनरावृत्ति नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव में युति के दल सीटों का बंटवारा जल्द करना चाहते हैं। शनिवार देर रात राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ-साथ तीनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने सीट बंटवारे को लेकर लगभग साढ़े चार घंटे तक मंथन किया। बैठक में तय हुआ कि 10 सितंबर तक महायुति में सीटों का बंटवारा हो जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि गणेश विसर्जन से पहले महायुति के सभी दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बैठक में तय हुआ है कि जो दल चुनाव जीतने के लायक होगा वह सीट उसी दल को मिलेगी।
रविवार को चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी, यह चर्चा का विषय नहीं है। बावनकुले ने कहा कि महायुति के सभी 13 दलों दलों के साथ मिलकर सीटों का बंटवारा होगा। उन्होंने कहा कि अगले 10 दिनों में महायुति में सीटों का बंटवारा हो जाएगा। बैठक में कुछ मुद्दों को लेकर तीनों ही दलों में सहमति बन गई है, जबकि कुछ मुद्दों पर अभी भी चर्चा जारी है। बावनकुले ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा, बल्कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि कौन सी पार्टी किस सीट से चुनाव जीत सकती है, उसे प्राथमिकता दी जाएगी। तीनों ही दल राज्य में अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं।
बैठक में पार्टी विरोधी बयानबाजी पर भड़के अजित पवार
सूत्रों से पता लगा है कि शनिवार को हुई महायुति की बैठक में राकांपा (अजित) प्रमुख अजित पवार ने शिंदे गुट प्रमुख एवं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस एवं भाजपा नेताओं के सामने उनकी पार्टी के बारे में की जा रही बयानबाजी पर नाराजगी जताई। अजित ने बैठक में कहा कि इस तरह की बयानबाजी से महायुति में समन्वय में असर पड़ सकता है। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जा रहा है। जिस पर मुख्यमंत्री शिंदे ने सहमति जताते हुए कहा कि महायुति के किसी भी दल के नेता को आपस में किसी भी बयानबाजी से बचना चाहिए। शिंदे ने कहा कि वह इसको लेकर अपनी पार्टी के नेताओं से बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शिंदे गुट के मंत्री तानाजी सावंत और भाजपा प्रवक्ता गणेश हाके ने राकांपा (अजित) को लेकर उनके भाजपा और शिंदे गुट के साथ आने पर नाखुशी जताई थी।
Created On :   1 Sept 2024 9:06 PM IST