सर्वे: रंग लाई ब्रिजस्टोन इंडिया की पहल, 7 हजार पेड़ों पर बना तितलियों और पक्षियों का बसेरा

रंग लाई ब्रिजस्टोन इंडिया की पहल, 7 हजार पेड़ों पर बना तितलियों और पक्षियों का बसेरा
  • 7,000 पेड़ों पर बना आशियाना
  • 170 प्रजाति की तितलियों और 105 प्रजाति के पक्षियों का बसेरा
  • पुणे में 2.83 एकड़ और इंदौर में 1.23 एकड़ क्षेत्र में बना उद्यान
  • बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने किया सर्वे

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए पुणे और इंदौर में ब्रिजस्टोन इंडिया ने तितलियों और पक्षियों के लिए उद्यान तैयार किया है। इस उद्यान की खासियत यह है कि यहां लगाए गए 7,000 वृक्षों पर 170 प्रजाति की तितलियां और 105 प्रजाति के पक्षियों ने अपना बसेरा बना लिया है। ब्रिजस्टोन इंडिया की पहल से करीब चार एकड़ क्षेत्र में इसे तैयार किया गया है। पुणे में 2.83 एकड़ और इंदौर में 1.23 एकड़ क्षेत्र में इस उद्यान को तैयार किया गया है। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा किये गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है।


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दो शहरों में वन्य जीवों का बसेरा तैयार करने के लिए ब्रिजस्टोन की परियोजना 2020 में शुरू हुई थी। जैव विविधता वाले इन उद्यानों की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने 2020 में जांच की तो वहां तितलियों की कुल 79 प्रजातियां और पक्षियों की 69 प्रजातियां मिली थीं। अब यहां तितलियों की 170 और पक्षियों की 105 प्रजातियों का बसेरा है। पुणे में 2.83 एकड़ के क्षेत्र में बने उद्यान में तितलियों की 100 प्रजातियां और पक्षियों की 57 प्रजातियां हैं। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा 2023 में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार इंदौर के 1.23 एकड़ क्षेत्र के पार्क में तितलियों की 70 प्रजातियां और पक्षियों की 48 प्रजातियां हैं।


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दिखीं दुर्लभ प्रजाति की तितलियां

सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि तितलियों की कुछ प्रजातियां जो पुणे और इंदौर में आमतौर पर नहीं पाई जाती हैं, उन्हें इन जैव-विविधता वाले उद्यान में देखा गया था। पुणे में कुछ तितलियां जैसे कि जोकर (बिब्लिया इलिथिया), लॉन्ग ब्रांडेड बुशब्राउन (माइकैलेसिस विसाला), पीकॉक रॉयल (ताजुरिया सिपस), प्लेन्स ब्लू रॉयल (ताजुरिया जेहाना), कॉमन शॉट सिल्वरलाइन (स्पिंडासिस इक्टिस) जिनका इस क्षेत्र में दिखाई देना अत्यंत दुर्लभ होता था, वह भी देखी गई हैं। जबकि इंदौर में ब्लू मॉर्मन (पैपिलियो पॉलिमनेस्टर), कॉमन शॉट सिल्वरलाइन (स्पिंडासिस इक्टिस) देखी गई हैं, जो इन भागों में दुर्लभ हैं।


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स्टेफानो सांचिनी, प्रबंध निदेशक, ब्रिजस्टोन इंडिया के मुताबिक इस उद्यान को हमने जागरूकता पैदा करने और स्कूली छात्रों और उनके परिवार के लोगों, स्थानीय समुदायों और हितधारकों को जैव विविधता के महत्व और इसे प्रोत्साहन देने में अपनी भूमिका को समझने के लिए विकसित किया है। पुणे और इंदौर स्थित ये उद्यान हमारे कर्मचारियों और स्थानीय समुदायों के जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में मिलकर काम करने का एक उदाहरण हैं।

कर्मचारियों, छात्रों का रहा महत्वपूर्ण योगदान

चार एकड़ में तैयार हुए इन उद्यानों को तैयार करने में 2,203 कर्मचारियों ने वृक्षारोपण अभियान और प्रकृति विकास के परीक्षणों में हिस्सा लिया था। जबकि 3,855 ग्रामीण और स्कूली विद्यार्थी किचन गार्डनिंग और प्लास्टिक मुक्त स्कूल की पहल में शामिल हुए हैं।

Created On :   16 Dec 2023 9:00 AM IST

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