बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी
  • विकलांग व्यक्ति के भूमि आवंटन पर जवाब नहीं
  • अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी
  • सरकार को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह विकलांगता अधिनियम के तहत विकलांग व्यक्तियों के लिए रियायती दरों पर भूमि आवंटन में 5 प्रतिशत आरक्षण पर अदालत के सवाल का जवाब देने में विफल रहती है, तो उसके अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाएगी।

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने 31 जुलाई को राजेंद्र लालजारे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने याचिका पर सार्थक प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने में सरकार की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की। अदालत ने सरकार को आखिरी मौका देते हुए कहा कि यह सबसे शर्मनाक स्थिति है।

विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम की धारा 37 (सी) के तहत सरकार विकलांग व्यक्तियों के पक्ष में योजनाएं बनाएगी और आवास, आश्रय और व्यवसाय स्थापित करने या व्यवसाय स्थापित करने के लिए रियायती दरों पर भूमि आवंटन में 5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगी।

खंडपीठ ने कहा कि याचिका 2020 में दायर की गई थी और इसे समय-समय पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। प्रत्येक अवसर पर इसे स्थगित कर दिया गया है कि सरकार अपना हलफनामा दाखिल कर जवाब दे सके।

सितंबर 2022 में एक अतिरिक्त सरकारी वकील ने मौखिक रूप से अदालत को सूचित किया कि सरकार विकलांग व्यक्तियों के लिए 5 प्रतिशत भूमि आरक्षित करने के लिए सभी विभागों को सामान्य निर्देश जारी करने पर विचार कर रही है और इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

उस समय खंडपीठ ने कहा था कि विकलांगता अधिनियम के वैधानिक प्रावधान को अक्षरश: लागू नहीं किया गया है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीर होना होगा। खंडपीठ ने कहा कि तब से सरकार ने अभी तक याचिका पर उचित प्रतिक्रिया नहीं दी है। हमें बताया गया है कि महाराष्ट्र भूमि निपटान नियमों का हवाला देते हुए एक हलफनामा दायर किया गया है। लेकिन यह अदालत का सवाल नहीं था।

Created On :   1 Aug 2023 9:54 PM IST

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