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बूंद बूंद पानी बचाने की कवायद में जुटा मनपा का जल विभाग
- बढ़ती जनसंख्या के कारण बढ़ रही मांग
- गर्मियों में करनी पड़ती है कटौती
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले कुछ वर्षों में पानी की बढ़ती मांग और मानसून के समय पर्याप्त बरसात नहीं होने से गर्मियों के समय मुंबई में पेयजल का संकट खड़ा हो जाता है। पानी की कमी के चलते मनपा को जलापूर्ति में कटौती करनी पड़ती है। मुंबई को रोजाना 4500 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है। वर्तमान में मुंबई, ठाणे जिले में सात जलाशयों से 5000 मिलियन लीटर जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन दिनोंदिन बढ़ती जनसंख्या के कारण यह अपर्याप्त होती जा रही है। बढ़ती मांग और घटते जल भंडार से परेशान मनपा का जल विभाग अब बारिश के दौरान व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने, नदी जोड़ो परियोजना और समुद्र के पानी को मीठा करने की परियोजना पर काम कर बूंद-बूंद पानी बचाने की कवायद में जुट गया है।
बचाया जा रहा व्यर्थ बहने वाला पानी
मनपा जल विभाग के अधिकारी ने बताया कि भातसा जलाशय से प्रतिदिन 2100 एमएलडी पानी को शुद्ध करने के लिए पिसे से पांजरापुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाता है। पिसे से पांजरापुर की दूरी कुल 8 किमी है। भातसा के पानी को पिसे में बने बांध को रोका जाता है।
पिसे में पानी रोकने बनाए गए बांध की ऊंचाई 31 मीटर है। बरसात के दौरान व्यर्थ बहने वाले अतिरिक्त पानी को बचाने के लिए यहां फ्लोटिंग गेट लगाया गया है। गेट का सिस्टम इस तरह बनाया गया है कि अधिक बरसात के समय फ्लोटिंग गेट नीचे दबाने पर जल स्तर दो मीटर ऊंचा उठ जाता है, इससे बांध में दो मीटर अतिरिक्त पानी जुटाया जा रहा है।
अनुपयोगी जल को बचाने नया ट्रीटमेंट प्लांट
पिसे से ट्रीटमेंट प्लांट तक लाए जाने वाले भातसा का पानी ट्रीटमेंट के बाद 1330 एमएलडी पानी शुद्ध होता है। बाकी बचे पानी को ड्रेन में छोड़ दिया जाता था। ट्रीटमेंट के बाद अनुपयोगी जल को बचाने के लिए 6 महीने पहले नया ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। इस सिस्टम के जरिए वेस्ट वाटर को रीसाइकल कर 35 एमएलडी पानी बचाया जा रहा है, जिसमें 95 प्रतिशत पानी को शुद्ध कर पीने योग्य बनाया जा रहा है। इससे पहले 40 एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता था।
नदी जोड़ परियोजना के प्रस्ताव, गारगाई पर चल रहा धीमा काम
भविष्य पानी की मांग को पूरा करने के लिए मनपा ने गारगाई 440 मिलियन लीटर, पिंजाल 865 मिलियन लीटर और दमणगंगा पिंजाल नदी जोड़ परियोजना 1,586 मिलियन लीटर स्रोत विकसित करने का प्रस्ताव बनाया है। हालांकि कि यह परियोजना अभी प्रस्तावित है। इनमें से केवल गारगाई का काम चल रहा है, वह भी कछुआ चाल में है। इस परियोजना से मनपा को 2,891 मिलियन लीटर अतिरिक्त पानी मिलना है।
समुद्री पानी को मीठा बनाने की योजना
मनपा समुद्र के पानी को मीठा करने की परियोजना पर काम कर रही है। मनोरी में समुद्र के भीतर क्षारीय पानी को स्वच्छ करने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पहले 2 करोड़ लीटर और उसके बाद रोजाना 4 करोड़ लीटर पेयजल उपलब्ध होगा।
2041 तक 6535 मिलियन लीटर हो जाएगी पानी की रोजना मांग
वर्ष 2041 तक मुंबई की जनसंख्या बढ़कर 1.72 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है और पानी की मांग बढ़ कर रोजाना 6535 मिलियन लीटर हो जाएगी। मनपा इसके लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है।
जलाशयों में 92 प्रतिशत पानी
पुरुषोत्तम मालवदे, चीफ इंजीनियर, जल विभाग मनपा के मुताबिक जलाशयों में 92 प्रतिशत पानी है। हमें अक्टूबर में ही वर्ष भर के लिए पानी का नियोजन करना पड़ता है। हमें अब भी उम्मीद है कि सितंबर में बरसात होगी, जिससे जलाशयों में पीने के आवश्यक कोटा पूरा हो जाएगा। यदि बरसात ने मुंह मोड़ा तो पानी कटौती के अलावा विकल्प नहीं रहेगा।
Created On :   3 Sept 2023 5:42 PM IST