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चुनाव: सांसद-विधायक और पदाधिकारियों से चुनावी चंदा जुटाएगी भाजपा, न्यूनतम 1 लाख की सीमा तय
- सांसदों-विधायकों के लिए न्यूनतम 1 लाख की सीमा तय
- पार्टी पदाधिकारियों के लिए 10 रुपए से अपनी के क्षमता अनुसार पार्टी ने मांगा चंदा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। चुनावी चंदे को लेकर शुरू विवाद के बीच सत्ताधारी भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर अब अपने कार्यकर्ताओं से चंदा जुटाने का फैसला किया है। इसको लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानकुले ने पार्टी के सांसदों, विधायको और पार्टी पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की है। सूत्रों के अनुसार पार्टी के सांसदों, विधायको को एक एक लाख रुपए ऑनलाइन पार्टी के कोष में जमा करना होगा। जबकि पार्टी पदाधिकारियों को 10 रुपए से लेकर अपने सामर्थ्य अनुसार चंदा देना है। उन्होंने कहा की पार्टी अपने आप कार्यकर्ता की मदद से लोकसभा चुनाव लडेगी। बता दे की महाराष्ट्र में भाजपा के 23 सांसद और 106 विधायक हैं। पार्टी को उम्मीद है की महाराष्ट्र से कई करोड़ रुपए पारी नेताओ कार्यकर्ताओं से बतौर चंदा इकट्ठा होगा।
पीएम मोदी ने की थी शुरुआत
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के पार्टी फंड में 2000 रुपये का चंदा दिया है। फंड में योगदान देने के बाद पीएम मोदी ने लोगों से अपील कर कहा कि मैं सभी से नमोएप के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए दान का हिस्सा बनने का आग्रह करता हूं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा यह योगदान देकर उनको खुशी हो रही है। उसके बाद पार्टी के सभी नेताओं को पीएम का अनुसरण करने को कहा गया है।
राज्य में सस्ते ऑनलाइन कोर्स के लिए विकसित किया जा रहा पोर्टल
वहीं नई शिक्षा नीति के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले पाठ्यक्रमों में से 40 फीसदी ऐसे होंगे जिनकी पढ़ाई ऑनलाइन की जा सकेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वयं पोर्टल शुरू किया है लेकिन वहां उपलब्ध कोर्स मंहगे हैं इसलिए राज्य में ऐसा पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिस पर कम फीस में विद्यार्थी ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे। कोर्स शैक्षणिक व औद्योगिक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं। दूसरे पाठ्यक्रमों के साथ कम क्रेडिट वाले कोर्स किए जा सकेंगे। ऑनलाइन पोर्टल के लिए राज्य के पांच विश्वविद्यालय साथ आए हैं। यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय के साथ मुंबई विश्वविद्यालय, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, शिवाजी विश्वविद्यालय और एसएनडीटी विश्वविद्यालय ने मिलकर पोर्टल तैयार करने का फैसला किया है। इसके लिए एक समझौता किया गया है। विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ पाठ्यक्रम तैयार कर पोर्टल पर उपलब्ध कराएंगे। शुरुआत में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित कम कालावधि के और कम क्रेडिट के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में जमा करा दिए जाएंगे। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने इसे अच्छी शुरुआत बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा पर जोर है इसलिए ऑनलाइन कोर्स भी गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। मंत्री पाटील की मौजूदगी में मंगलवार को विश्वविद्यालयों ने पोर्टल तैयार करने के लिए समझौता किया।
Created On :   13 March 2024 5:02 PM GMT