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गर्भपात की इजाजत: 29 सप्ताह की गर्भवती दिव्यांग को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत
- अदालत ने दिव्यांग को दी गर्भपात की इजाजत
- दुराचार की हुई थी शिकार
- शारीरिक और मानसिक रूप से है अक्षम
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शीतला सिंह। कोल्हापुर की निवासी 29 सप्ताह की गर्भवती दिव्यांग को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने सोमवार को छत्रपति प्रमिलाताई राजे अस्पताल के डॉक्टरों की रिपोर्ट के बाद दिव्यांग को गर्भपात की इजाजत दे दी है। पीड़िता शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग है। वह दुराचार की शिकार हुई है और अपने माता-पिता के साथ रहती है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को 25 वर्षीय दिव्यांग की ओर से वकील साइमा अंसारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। पीड़िता शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग है। उसे अपने गर्भावस्था के चिकित्सकीय गर्भपात करने से रोका गया है। वह गर्भपात अधिनियम 1971 (नवीनतम संशोधन) के तहत निर्धारित 24 सप्ताह की सीमा को पार कर गई है।
मेडिकल टीम की रिपोर्ट पर आदेश
एक रजिस्टर्ड चिकित्सक हाई कोर्ट की अनुमति के बिना 20 सप्ताह से अधिक की गर्भवती का चिकित्सकीय रूप से गर्भपात नहीं कर सकता है। इस मामले में यदि दिव्यांग का गर्भपात नहीं किया गया, तो उसकी जान जा सकती है। खंडपीठ ने 5 अक्टूबर को छत्रपति प्रमिलाताई राजे अस्पताल को एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर, जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। अस्पताल की मेडिकल जांच टीम ने सोमवार को खंडपीठ के समक्ष जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसके आधार पर खंडपीठ ने उसे कोल्हापुर के छत्रपति प्रमिलाताई राजे अस्पताल में गर्भपात की इजाजत दे दी है।
Created On :   9 Oct 2023 9:43 PM IST