बॉम्बे हाईकोर्ट: बार काउंसिल ऑफ इंडिया अनुशासनात्मक समिति ने वकील भालचंद्र गानु के प्रैक्टिस पर लगाया 5 साल का प्रतिबंध

बार काउंसिल ऑफ इंडिया अनुशासनात्मक समिति ने वकील भालचंद्र गानु के प्रैक्टिस पर लगाया 5 साल का प्रतिबंध
  • डेढ़ लाख का लगा जुर्माना
  • गानु पर वकालत के प्रोफेसर के विपरीत कार्य करने का आरोप
  • क्लाइंट के साथ मिल कर डॉक्टर को पॉक्सो के मामले में फंसाया

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति ने बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील भालचंद्र गानु के प्रैक्टिस पर 5 साल का प्रतिबंध और डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगा है। वकील गानु पर वकालत के प्रोफेशन के विपरीत कार्य करते हुए अपने क्लाइंट के साथ मिल कर एक डॉक्टर को पॉक्सो के मामले में फंसा दिया।

वकील मोहन पिल्लई ने डॉक्टर की ओर से बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति के समक्ष आवेदन कर वकील भालचंद्र गानु के खिलाफ वकालत के प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की। वकील पिल्लई ने अनुशासनात्मक समिति को बताया कि साल 2018 से डॉक्टर का पत्नी से साथ बांद्रा के फैमिली कोर्ट में पारिवारिक विवाद चल रहा है। फैमिली कोर्ट ने डॉक्टर को अपनी बेटी से फैमिली कोर्ट के चिल्ड्रन कांप्लेक्स में 2 घंटे मिलने की इजाजत दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान डॉक्टर अपनी आठ साल की बेटी से मिलते थे।

वकील भालचंद्र गानु ने अपनी क्लाइंट (डॉक्टर की पत्नी) के साथ मिल कर आरे सब पुलिस स्टेशन में डॉक्टर खिलाफ कोर्ट के चिल्ड्रेन कांप्लेक्स में बेटी के गुप्तांग में हाथ लगाने की शिकायत की। पुलिस ने बिना किसी छानबीन के वकील गानु के दबाव में डॉक्टर के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया। हालांकि डॉक्टर को सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई और हाई कोर्ट ने डॉक्टर के खिलाफ मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी, लेकिन डॉक्टर को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।

जबकि जिस चिल्ड्रन कांप्लेक्स में नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था, उसमें सीसीटीवी लगा हुआ था। सीसीटीवी का जांच में डॉक्टर के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत झूठी पाई गई। वकील पिल्लई की शिकायत पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति मामले की जांच की, तो वकील गानु को दोषी पाया और उनके वकालत की प्रेक्टिस करने पर न केवल प्रतिबंध लगा दिया, बल्कि डेढ़ लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनवाई है। इसमें से 50 हजार रुपए शिकायतकर्ता डॉक्टर को देने का भी निर्देश दिया गया है।

Created On :   28 Dec 2023 10:00 PM IST

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