मंत्रिमंडल: नांदेड़-बीदर ब्रॉडगेज रेलवे परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपए देने को मंजूरी

नांदेड़-बीदर ब्रॉडगेज रेलवे परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपए देने को मंजूरी
  • वाइन उद्योग को गति देने पांच साल लागू होगी योजना
  • रेशम उद्योग को बढ़ावा देने सिल्क समग्र-2 योजना लागू करने को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नांदेड़-बीदर नई ब्रॉडगेज रेलवे परियोजना के लिए राज्य सकार के हिस्से का 750 करोड़ 49 लाख रुपए देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस रेल परियोजना के लिए जमीन की कीमत समेत 1500 करोड़ 98 लाख रुपए खर्च होंगे। जिसमें से राज्य सरकार 50 प्रतिशत राशि यानी 750 करोड़ 49 लाख रुपए उपलब्ध कराएगी। नांदेड़-बीदर 157 किमी का नया रेल मार्ग होगा। जिसमें से 100.75 किमी मार्ग महाराष्ट्र और शेष 56.30 किमी मार्ग कर्नाटक में होगा। इस रेलवे मार्ग पर कुल 14 स्टेशन बनेंगे। इस सीधे रेल मार्ग से बीदर से नांदेड़ के बीच का 145 किमी की दूर कम हो सकेगी।

रेशम उद्योग को बढ़ावा देने सिल्क समग्र-2 योजना लागू करने को मंजूरी

राज्य में रेशम की खेती को गति देने के लिए केंद्र सरकार की समग्र-2 आईएसडीएसआई (रेशम उद्योग के विकास के लिए एकीकृत योजना) योजना को लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस योजना की अवधि साल 2021-22 से साल 2025-26 के बीच होगी। सिल्क समग्र-2 योजना के लिए जिला और क्षेत्रिय स्तर पर समिति बनाई जाएगी। सरकार का कहना है कि फिलहाल रेशम उद्योग राज्य के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस उद्योग के विकास के लिए महारेशम (महारेशीम) अभियान लागू है। राज्य में शहतूत और टसर रेशम कोष पर प्रसंस्करण होना आवश्यक है। राज्य में छत्रपति संभाजीनगर, पैठण, नागपुर आदि पारंपरिक तरीके से हथकरघे पर पैठणी साड़ी तैयार की जाती है। इसी तरह नागपुर, भंडारा समेत दूसरे जिलों में टसर और कपड़े का निर्माण होता है।

वाइन उद्योग को गति देने पांच साल लागू होगी योजना

राज्य के अंगूर उत्पादक किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वाइन उद्योग को प्रोत्साहन देने संबंधी योजना को पांच साल के लिए लागू करने का फैसला लिया है। कोरोना के दौरान साल 2020-21 अवधि में योजना बंद हो गई थी। लेकिन साल 2020-21, साल 2021-22 और साल 2022-23 वर्ष में उद्योगपतियों ने वैट भरा है। साल 2023-24 आर्थिक वर्ष खत्म होने में बहुत कम अवधि है। इसके मद्देनजर निश्चित दर 16 प्रतिशत के अनुसार उद्योगपतियों को वैट की राशि वापस दी जाएगी। राज्य में अंगूर उत्पादक किसानों, सूखा मेवा बनाने और वैकल्पिक उत्पादों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन की दृष्टि से वाइन उद्योग विकसित करने के लिए योजना लागू करने का फैसला किया गया है।


Created On :   4 Jan 2024 10:16 PM IST

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