बड़े कदम: ठाणे मनपा की जलापूर्ति परियोजनाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए महामंडल बनाने को मंजूरी

ठाणे मनपा की जलापूर्ति परियोजनाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए महामंडल बनाने को मंजूरी
  • परियोजना के लिए अनावश्यक खरीदने को माना जाएगा वित्तिय अनियमितता
  • मीरा-भायंदर मनपा की सीवरेज परियोजना को स्वीकृति
  • सूचना प्रौद्योगिकी के निदेशक बने राजेश नार्वेकर
  • राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनेगी वृद्धाश्रम एकात्मिक नीति, सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए महामंडल बनाने को दी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने ठाणे मनपा की 98 करोड़ 29 लाख रुपए की विभिन्न जलापूर्ति परियोजनाओं को प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की है। सरकार ने शहरी इलाकों में आधारभूत सुविधा आपूर्ति के लिए नगरोत्थान महाअभियान के जरिए ठाणे शहर की जलापूर्ति परियोजनाओं को स्वीकृत दी है। गुरुवार को राज्य के नगर विकास विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि परियोजना की शुरुआत में अनावश्यक रूप से किसी प्रकार की पाइप खरीदने और उसके लिए निधि प्रदान करने को वित्तिय अनियमितता समझा याएगा। इसके लिए संबंधित कार्यान्वयन तंत्र (मशीनरी) और परियोजना प्रबंधन सलाहकार को जिम्मेदारी समझा जाएगा। मूल परियोजना की राशि में किसी प्रकार की बढ़ोतरी होने पर उसके लिए ठाणे मनपा जिम्मेदारी मानी जाएगी। इन परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार 49 करोड़ 14 लाख 50 हजार रुपए अनुदान प्रदान करेगी। जबकि ठाणे मनपा को 49 करोड़ 14 लाख 50 हजार रुपए खर्च का वहन करना होगा। ठाणे मनपा को अपने हिस्से की निधि की व्यवस्था के लिए राष्ट्रीय बैंक, एमएमआरडीए और सरकार मान्य वित्तिय संस्थाओं से कर्ज लेने की छूट होगी। कार्यादेश जारी होने के बाद 24 महीनों में परियोजनाओं को पूरा करना होगा। ठाणे मनपा के माध्यम से जलापूर्ति योजनाओं को लागू किया जाएगा। ठाणे मनपा के प्रशासनिक विभाग नौपाडा- कोपरी, वागले एस्टेट, वर्तक नगर, उथलसर, माजिवडा-मानपाडा, कलवा, मुंब्रा, दिवा की जलापूर्ति परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

मीरा-भायंदर मनपा की सीवरेज परियोजना को स्वीकृति

राज्य सरकार ने मीरा-भायंदर मनपा की 66 करोड़ 81 लाख रुपए की सीवरेज परियोजना को स्वीकृति दी है। केंद्र सरकार के अमृत 2.0 अभियान के तहत यह मंजूरी दी गई है। राज्य के नगर विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इस परियोजना पर केंद्र सरकार 22 करोड़ 27 लाख रुपए अनुदान देगी। राज्य सरकार 24 करोड़ 50 लाख रुपए उपलब्ध कराएगी। जबकि मीरा-भायंदर मनपा को 20 करोड़ 4 लाख रुपए का खर्च वहन करना होगा।

राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनेगी वृद्धाश्रम एकात्मिक नीति, सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए महामंडल बनाने को दी मंजूरी

उधर प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरिष्ठ नागरिक महामंडल स्थापित करने को मंजूरी प्रदान कर दिया है। वरिष्ठ नागरिक महामंडल का मुख्यालय मुंबई में होगा। राज्य के सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक महामंडल राज्य सरकार, निजी और गैर सरकारी संगठनों के वृद्धाश्रम को लेकर एकात्मिक नीति बनाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं का हेल्पलाइन तैयार करेगा। बुजुर्ग व्यक्तियों के सशक्तिकरण और पुनर्वसन के लिए पंचवार्षिक और वार्षिक कार्यक्रम तैयार करेगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्तमान अथवा सेवानिवृत्त अधिकारी इस महामंडल के प्रंबंध निदेशक नियुक्त किए जाएंगे। इस महामंडल की शेयरपूंजी 50 करोड़ रुपए होगी। महामंडल के लिए आवश्यक पदों के सृजन और आर्थिक प्रावधान के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आर्थिक व्यवस्था करने, स्वास्थ्य पर ध्यान देने और तनाव से निपटने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए महामंडल स्थापित किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिक नीति-2013 के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक साथ करके उसको लागू करेगा। वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि स्थापित करेगा।

सूचना प्रौद्योगिकी के निदेशक बने राजेश नार्वेकर

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने साल 2009 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश नार्वेकर को मुंबई में सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक पद पर नियुक्त किया है। गुरुवार को सरकार ने तीन आईएएस अफसरों का तबादला किया है। साल 2011 बैच के आईएएस अफसर विनय मून को नागपुर में रेशम उत्पादन का निदेशक बनाया गया है। साल 2016 बैच के योगेश कुंभेजकर को अकोला स्थित महाराष्ट्र राज्य बीज महामंडल का प्रबंध निदेशक बनाया गया है।


Created On :   12 Sept 2024 10:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story