बॉम्बे हाईकोर्ट: ढाई साल के बच्चे की मां की सुनी गुहार, पारिवारिक विवाद मुंबई की अदालत में ट्रांसफर

ढाई साल के बच्चे की मां की सुनी गुहार, पारिवारिक विवाद मुंबई की अदालत में ट्रांसफर
  • अदालत ने पारिवारिक विवाद के मामले को गोवा से मुंबई ट्रांसफर करने का दिया निर्देश
  • ढाई साल के बच्चे की मां की सुनी गुहार

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने ढाई साल के बच्चे की मां क्रिस्टल फर्नांडीस की गुहार सुनी। अदालत ने माना कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा था कि भारतीय समाज में सामाजिक-आर्थिक प्रतिमान को देखते हुए स्थानांतरण पर विचार करते समय पत्नी की सुविधा को देखा जाना चाहिए। इससे इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि याचिकाकर्ता फर्नांडीस की पारिवारिक विवाद के मामले को गोवा से मुंबई की फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका स्वीकार किए जाने योग्य है। न्यायमूर्ति मिलिंद एन.जाधव की एकलपीठ के समक्ष मुंबई में ढाई साल के बच्चे के साथ अपने माता-पिता के पास रहने वाली क्रिस्टल फर्नांडीस की ओर से वकील दीपा पुंजानी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि गोवा के सिविल और आपराधिक न्यायालय में याचिकाकर्ता के पारिवारिक विवाद का मामला लंबित है। याचिकाकर्ता के पति जोशुआ हेनरी फर्नांडीस ने गोवा न्यायालय में ढाई साल के बच्चे की स्थाई मांग के लिए मुकदमा किया है। वह अपने वृद्ध माता-पिता के साथ मुंबई में रह रही है और ढाई साल के बच्चे का लालन-पालन कर रही है। उससे यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह अपने बच्चे के साथ गोवा तक की यात्रा करे। इसलिए याचिकाकर्ता के मामले को गोवा से मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर की जाए।

याचिकाकर्ता के पति के वकील ने गोवा से मुंबई मामले की कार्यवाही स्थानांतरित करने के अनुरोध का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि गोवा में कार्यवाही के दौरान याचिकाकर्ता को कानूनी सहायता के लिए वकील की सेवाओं का लाभ दिया गया है। प्रतिवादी के सभी गवाह गोवा में हैं और यदि मामले के स्थानांतरण की अनुमति दी जाती है, तो उसे अपने गवाहों को गोवा से मुंबई ले जाना होगा। पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले में कहा कि गोवा से मुंबई की फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका स्वीकार की जाती है। गोवा की अदालतें इस आदेश का संज्ञान लेंगी और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगी। उसके साथ ही मामले का निपटारा किया जाता है।

Created On :   1 Sept 2024 3:24 PM GMT

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