अजित ने आरोप लगाते कहा - शरद पवार ने भुजबल को सीएम बनाने को लेकर बोला झूठ

अजित ने आरोप लगाते कहा - शरद पवार ने भुजबल को सीएम बनाने को लेकर बोला झूठ
  • दादा का काका शरद पर गंभीर आरोप
  • 2004 में राकांपा (अविभाजित) के पास सीएम बनना का था मौका

डिजिटल डेस्क, मुंबई. लोकसभा चुनाव के परिणाम से पहले ही राकांपा (अजित) विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। सोमवार को अजित गुट प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें अजित पवार ने राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाया। अजित ने कहा कि साल 2004 की घटना के बारे में शरद पवार ने जो बयान दिया था वह एक झूठ था। उन्होंने कहा कि शरद पवार झूठ बोल रहे हैं कि साल 2004 में यदि छगन भुजबल को मुख्यमंत्री बना दिया होता तो फिर राकांपा (अविभाजित) टूट जाती। अजित ने कहा कि साल 2004 में राकांपा की कांग्रेस से ज्यादा सीटें आई थीं। अजित ने कहा कि उस समय लगा था कि छगन भुजबल मुख्यमंत्री बनेंगे, क्योंकि मुझे मुख्यमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। हमारे पास उस समय मुख्यमंत्री बनने का मौका था लेकिन शरद पवार ने ऐसा नहीं किया। अजित ने कहा कि शरद पवार ने मेरे बारे में भी कहा था कि मैं उस वक्त नया आदमी था। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं साल 1999 से मंत्री रहा हूं। यहां तक कि 2004 के विधानसभा चुनाव में जितने विधायक चुने गए थे, उनको चुनने में मेरा बड़ा योगदान था। अजित ने कहा कि साल 1991 में जब शरद पवार रक्षा मंत्री बने तो पद्मसिंह पाटील को मुख्यमंत्री पद के लिए नामांकित किया गया। इस बीच पवार ने उस समय सुधाकर नाइक का नाम सुझाया। लेकिन नाइक ने एक साल तक शरद पवार की बात नहीं मानी। अजित ने कहा कि साल 2004 में प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार ने सोचा होगा कि पहले उनकी बात किसी ने नहीं सुनी, इसलिए अगर भुजबल को मुख्यमंत्री बनाया गया तो फिर हमारी बात कोई नहीं सुनेगा।

पवार का यह था दावा

दरअसल कुछ दिनों पहले शरद पवार ने 2004 की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि उस समय हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा सीटें हासिल की थी। लेकिन जब हमने मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर विचार किया तो हमने सोचा कि अगर छगन भुजबल को मुख्यमंत्री बना दिया तो पार्टी में टूट हो सकती है। यही कारण है कि हमने भुजबल को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। हालांकि बाद में कांग्रेस के नेता विलासराव देशमुख राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। साल 2004 में राकांपा ने 71 जबकि कांग्रेस ने 69 सीटें जीती थीं।

क्या अजित पवार ने पुणे पुलिस आयुक्त को फोन किया था?- अंजलि दमानिया

इसके अलावा क्या पुणे रैश ड्राइविंग मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे पुलिस आयुक्त को फोन किया था? दरअसल यह सवाल सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने पुलिस से पूछा है।दमानिया ने कहा कि पुणे पुलिस आयुक्त को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। दमानिया ने कहा कि अजित पवार को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। दमानिया के सवाल पर जवाब देते हुए अजित पवार ने कहा कि वह पुणे के पालक मंत्री और राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। अगर कोई घटना होती है तो उनका फर्ज है उस मामले से संबंधित सही जांच करने के लिए पुलिस अधिकारी को बताया जाए। दमानिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स' पर लिखा कि मेरे मन में एक शंका पैदा हुई कि पुणे में हुई भीषण दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक हाई प्रोफाइल लड़के को बचाने के लिए पूरी पुलिस यंत्रणा काम पर लग गई। इसके पीछे कौन था, इस तरह का प्रश्न खड़ा हुआ है। दमानिया ने कहा कि मेरे मन में जो शंका थी, उसी को लेकर खबरें सामने आ रही हैं कि घटना के बाद अजित पवार ने पुणे के पुलिस आयुक्त को फोन किया था। आखिरकार अजित ने पुलिस आयुक्त को फोन किसलिए किया था, इस बारे में उन्हें खुलासा करना चाहिए।

राजनीति के तहत आरोप

दमानिया के आरोपों पर अजित पवार ने कहा कि वह पुणे के पालकमंत्री हैं एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। एक पालकमंत्री का काम होता है कि अगर उसके क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है तो वह संबंधित पुलिस अधिकारी से उसे मामले में जांच पड़ताल सही ढंग से करने को कहे। इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने किसी पर दबाव बनाने की कोशिश की। अजित ने कहा कि मैंने पुलिस अधिकारियों से बोल रखा है कि अगर मेरे खिलाफ भी कोई शिकायत लेकर आता है तो मुझ पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग इस तरह के आरोप राजनीति के तहत लगाते हैं। जब हम विपक्ष में थे तो हम भी इस तरह की बयानबाजी करते थे। अजित ने कहा कि पुणे रैश ड्राइविंग मामले में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने आरोपी पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। यहां तक कि इसमें आरोपी के पिता और दादा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

Created On :   28 May 2024 12:32 PM GMT

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