रणनीति: चुनाव बाद सीटों का संख्या बल ही तय करेगा कि आघाडी का नेतृत्व कौन करेगा - शरद पवार

चुनाव बाद सीटों का संख्या बल ही तय करेगा कि आघाडी का नेतृत्व कौन करेगा - शरद पवार
  • शरद गुट प्रमुख की शिवसेना (उद्धव) को दो टूक
  • मैं और मेरी आत्मा जीवन के आखिरी समय तक उद्धव ठाकरे के साथ रहेगी- सुनील प्रभु

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाविकास आघाडी में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर मामला सुलझता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। शिवसेना (उद्धव) द्वारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग के बीच अब कांग्रेस के बाद राकांपा (शरद) ने साफ शब्दों में कह दिया है कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा चुनाव परिणाम के बाद ही होगी। कांग्रेस उद्धव गुट की मांग को पहले ही नकार चुकी है। राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद सीटों का संख्या बल तय करेगा कि आघाडी का नेतृत्व कौन करेगा।

महाविकास आघाडी के तीनों दलों में कुछ दिन पहले ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हुई थी। इसके बाद शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के दिल्ली दौरे के दौरान उनके सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा था कि आघाडी को आगामी चुनाव उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में लड़ना चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने राऊत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था महाआघाडी के तीनों दल गठबंधन के नाम पर ही चुनाव लड़ेंगे। अब शरद पवार ने भी कांग्रेस की हां में हां मिलाते हुए कह दिया है कि महाआघाडी में पहले ही तय हो चुका है कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का फैसला चुनाव परिणाम के बाद ही होना चाहिए। पवार ने कहा कि चुनाव बाद सीटों का संख्या बल ही तय करेगा कि आघाडी का नेतृत्व कौन करेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल मुख्यमंत्री का चेहरा अभी घोषित करने का कोई कारण नहीं है।

शरद पवार के बयान पर शिवसेना (उद्धव) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाआघाडी में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई भी नहीं लड़ रहा है। आदित्य ने कहा कि बहुत जल्द तीनों ही दलों में सीटों का बंटवारा हो जाएगा और तीनों ही दलों के प्रमुख नेता आगे चुनाव में क्या होना चाहिए, इसको लेकर फैसला करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पवार के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि हमारी पार्टी पहले ही भूमिका स्पष्ट कर चुकी है कि गठबंधन में जिस भी पार्टी की ज्यादा सीटें होंगी, वही पार्टी गठबंधन का नेतृत्व करेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारा ध्यान महाआघाडी को सत्ता में वापस लाने पर लगा हुआ है

मैं और मेरी आत्मा जीवन के आखिरी समय तक उद्धव ठाकरे के साथ रहेगी- सुनील प्रभु

उधर शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे द्वारा शिवसेना (उद्धव) विधायक सुनील प्रभु को लेकर दिए बयान पर अब सुनील प्रभु ने जवाब देते हुए कहा है कि मैं और मेरी आत्मा जीवन के आखिरी समय तक शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ रहेगी। प्रभु ने कहा कि कुछ लोग ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान देते रहते हैं। दरअसल एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि मेरे साथ 40 से ज्यादा विधायक उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर आ गए थे, लेकिन सुनील प्रभु आते-आते रह गए थे।

सुनील ने मुख्यमंत्री शिंदे के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि अक्सर भाषणों में चुटकुले और उदाहरण दिए जाते रहे हैं। लेकिन मेरी वफादारी उद्धव ठाकरे और मातोश्री के साथ है। मुझे इसे साबित करने के लिए किसी और की जरूरत नहीं है। प्रभु ने कहा कि मैं और मेरी आत्मा जीवन के अंत तक ठाकरे के साथ रहेगी। मुझे यह सब बताने के लिए किसी ज्योतिषी की जरूरत नहीं है।

क्या कहा था शिंदे ने?

दरअसल मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को विधान परिषद के शताब्दी समारोह में कहा था कि नेता सत्ताधारी दल का हो या विपक्षी दल का, उसके भाषण में आम आदमी के प्रति जुनून होना चाहिए। शिंदे ने कहा कि राज्य में एक से बढ़कर एक नेता हैं, जिनको अच्छे भाषण के चलते राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार मिला है। शिंदे ने सुनील प्रभु की और इशारा करते हुए कहा था कि सुनील प्रभु भी अच्छा भाषण देते हैं, जिसके चलते उन्हें राष्ट्रपति ने सम्मानित किया। लेकिन वह हमारे पास आते-आते रह गए। दरअसल शिंदे ने करीब 40 विधायकों के साथ साल 2022 में उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी और भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री बन गए थे।

Created On :   4 Sept 2024 10:48 PM IST

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