2018 में भी नगर निगम ने 114 ट्रांसपोर्टर को दिया था एक सप्ताह का समय

2018 में भी नगर निगम ने 114 ट्रांसपोर्टर को दिया था एक सप्ताह का समय
पांच वर्ष पहले परिषद में पारित संकल्प को दोहरा रहा ननि

डिजिटल डेस्क,कटनी।

पुरैनी स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में व्यापारियों की शिफ्टिंग और प्लाट निरस्तीकरण का मामला अभी से रद्दी की टोकरी में जाते हुए दिखाई दे रहा है। नगर निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि यह मामला एमआईसी के पास भेजा जाएगा। वहां से बैठक में जो निर्णय होगा। उसका पालन आगामी समय में होगा, लेकिन यह जानकारी आपको हैरानी होगी कि 13 अगस्त 2018 को निगम परिषद की बैठक में बिंदू क्रमांक 7 में ट्रांसपोर्ट नगर योजना में लीज रेंट निर्धारण, नए ट्रांसपोर्टरों को पूर्व से पंजीकृत 266 की सूची में शामिल किए जाने पर चर्चा हुई थी और बकायदा कार्यवाही विवरण में संकल्प भी पारित किया गया था। पिछले एक पखवाड़े से जिस तरह से ट्रांसपोर्ट नगर की बदहाली को लेकर निगम की आम लोगों के बीच किरकिरी हो रही है। उसे देखते हुए फिर पांच वर्ष पुराने संकल्प को ही अफसर दोहराने में लगे हुए हैं। यानि जो प्रक्रिया पांच साल पहले पूरी हो चुकी हैं, उसे जीरो मानकर अब वही कार्यवाही फिर की जाएगी।

2018 के सम्मेलन पर एक नजर

ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर चर्चा शुरु हुई तो तत्कालीन महापौर ने बताया कि शहर के ट्रांसपोर्टरों का लगातार सर्वे हो रहा है। प्रस्ताव को नगर हित में बताया गया था। जिस पर कांग्रेस पार्षद मिथलेश जैन ने कहना था कि नगर निगम को यह अधिकार नहीं है कि बिना ऑक्शन के किसी को अंचल संपत्ति आहरित कर सके। लंबी बैठक के बाद यह भी निर्णय लिया गया था कि पूर्व से 114 ट्रांसपोर्टरों के अतिरिक्त सभी ट्रांसपोर्टरों से 7 दिवस का समय दिया जाकर आवेदन प्राप्त किए जाएं। यह बात अलग है कि वर्तमान समय में भी नगर निगम की कार्यवाही वहीं रुकी हुई है।

एसोसिएशन ने जनप्रतिनिधियों, अफसरों को ठहराया जिम्मेदार

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.एम.तिवारी ने ट्रांसपोर्टनगर में लेटतलीफी के लिए जनप्रतिनिधियों एवं अफसरों को जिम्मेदार ठहराया। अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होने कहा कि ट्रांसपोर्टर तो इसके लिए हाईकोर्ट तक गए थे, तब नगर निगम ने तो पूरी स्कीम को ही निरस्त करने की तैयारी कर ली थी। जनप्रतिनिधि आज भी उसी मानसिकता से चल रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि 114 ट्रांसपोर्टर में केवल 8 परचून व्यवसायी हैं, जबकि घंटाघर में ऐसे दो कारोबारी हैं। जब तक परचून व्यवसायियों को ट्रांसपोर्ट नगर में प्लाट आवंटित नहीं होंगे तब तक यातायात व्यवस्थित होने का सपना भी साकार नहीं होगा। उन्होने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्वयं ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्थाओं का जायजा लें तो उन्हे नगर निगम की कारगुजारी का पता चल जाएगा।

Created On :   6 May 2023 12:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story