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शहर के अंदर पेयजल संकट को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
शहर के अंदर पेयजल की किल्लत को लेकर कांग्रेस ने नगर निगम पर हमला बोला। खाली बाल्टी लेकर सबसे पहले निगमायुक्त कक्ष के बाहर शोर-शराबा मचाते रहे। कमिश्नर उस समय नहीं मिले। जिसके बाद सीधे मेयर के कक्ष पहुंचे। उस समय मेयर और एमआईसी सदस्य अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे। आवाज सुनकर मेयर और एमआईसी सदस्य गेट तक आए। यहां पर कांग्रेसी पार्षदों ने मेयर को खरी-खोटी सुनाई। जिसमें कांग्रेसियों ने कहा कि चार दिन से पूरे शहर में पानी की त्राहि-त्राहि मची है और पूरा का पूरा नगर निगम कागजों में ही पानी दे रहा है। पाइप लाइन टूटने के मामले में जिम्मेदारी तय नहीं करने पर भी अधिकारियों और नगर निगम को कटघरे में खड़ा किया। बाद में नगर निगम कमिश्नर भी पहुंचे।
सप्लाई में भी भेदभाव
इस दौरान भेदभाव के भी आरोप लगाए गए। जिसमें कहा गया कि नगर निगम के ड्राइवर, डीजल और पानी लेकर भाजपा नेता अपने टैंकर से अपने चहेतों को पानी बांट रहे है। प्रत्येक वार्ड में एक -एक पानी का टैंकर देकर पानी की आपूर्ति करने की मांग के साथ पाइप लाइन तोडक़र जल संकट पैदा करने वाले दोषी ठेकेदार के खिलाफ एफ आईआर दर्ज करने की मांग की। प्रदर्शन में मिथलेश जैन एडवोकेट, विक्रम खंपरिया, राकेश जैन,राजकिशोर यादव, रौनक खंडेलवाल, राजेश जाटव, इश्तियाक अहमद, रमेश सोनी, कमलेश चौधरी, मनोज गुप्ता, संदीप यादव, आफ ताब अहमद, विनीत जायसवाल, सुनीता कमलेश चौधरी, ईश्वर बहरानी, तुलाराम गौंटिया, दानिश अहमद, अज्जू सोनी, अनिल सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
चौथे दिन भी सुधार नहीं
कटायेघाट के औद्योगिक क्षेत्र में मेन पाइप लाइन में चौथे दिन मंगलवार को भी सुधार नहीं हो सका। रात भर नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी यहां पर लगे रहे। जिस पिलर के ऊपर पाइप लाइन थी। उसे दुरुस्त कर लिया गया है। सपोर्ट के लिए यहां पर लंबी पाइप जोड़ी जा रही है। जिससे की पूरा का पूरा भार पिलर के ऊपर न पड़ते हुए जमीन में भी इसका भार रहे। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही पाइप लाइन में सुधार कार्य कर लिया जाएगा।
पहले से नहीं किए थे इंतजाम
शहर के अंदर गर्मी के समय अक्सर पेयजल संकट उत्पन्न हो जाती है, लेकिन इस बार अफसर और जनप्रतिनिधि कागजों में ही योजना तैयार करते हुए जलसंकट से निपटने के दावे किए हुए थे, लेकिन छतिग्रस्त पाइप लाइन ने दावों की पोल खोल दी। ननि के पास तो टैंकर पर्याप्त हैं, लेकिन ट्रैक्टर इतने अधिक नहीं हैं कि इस संकट से सुचारु रुप से निपटा जा सके। जिसके चलते अधिकांश जगहों पर चार दिनों से लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।
Created On :   24 May 2023 3:41 PM IST