Jabalpur News: फर्जी दस्तावेजों से फायनेंस कराए 25 लाख के वाहन

फर्जी दस्तावेजों से फायनेंस कराए 25 लाख के वाहन
एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सहित 3 को पकड़ा

Jabalpur News । फायनेंस कंपनी व बैंक एजेंटों से साँठगाँठ कर फर्जी दस्तावेज से वाहन फायनेंस कराने और उन वाहनों को गाँवों में ले जाकर बेचने वाले गिरोह के सरगना रांझी निवासी प्रशांत कुशवाहा, इंद्रजीत कुशवाहा एवं सिवनी के ग्राम धनौरा निवासी प्रवीण सोनी को एसटीएफ जबलपुर यूनिट ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से फायनेंस कराए गए 25 लाख कीमत के 21 वाहन जब्त किए गए हैं। गिरोह में एक महिला भी शामिल है उसकी पतासाजी की जा रही है।

इस संबंध में एसटीएफ निरीक्षक निकिता शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि रांझी निवासी गीता कुशवाहा को लोन लेना था। इसके लिए उसने प्रशांत कुशवाहा से चर्चा की, प्रशांत ने महिला का आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज ले लिए। इसके बाद उसने अपने साथी इंद्रजीत कुशवाहा की मदद से एक महिला को गीता कुशवाहा बनाकर पेश कर एक दोपहिया वाहन फायनेंस करा लिया। कुछ समय बाद प्रशांत ने लोन नहीं मिलने की बात कहकर गीता कुशवाहा को उसके दस्तावेज लौटा दिए। उधर किश्त जमा न होने पर गीता को बैंक का नोटिस मिला, जिसमें उसके नाम से वाहन फायनेंस कराए जाने की जानकारी लगी। इसकी शिकायत पीड़ित महिला गीता कुशवाहा द्वारा एसटीएफ से की गई थी। शिकायत की जाँच करते हुए एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया।

ट्रेन से उतरते ही दबोच लिया

जाँच के दौरान एसटीएफ काे पता चला कि प्रशांत कुशवाहा उत्तरप्रदेश में रह रहा है, लेकिन वह ट्रेन से जबलपुर आ रहा है। इस जानकारी के बाद एसटीएफ आरक्षक राहुल रघुवंशी ने घेराबंदी कर ट्रेन से उतरते ही प्रशांत का दबोच लिया फिर उसकी निशानदेही पर इंद्रजीत का पकड़ा गया। पूछताछ करने पर उन्होंने गिरोह में एक महिला व एक अन्य पुरुष के होने व बैंक और फायनेंस कंपनी के एजेंटों को पैसे देकर वाहन फायनेंस कराना कबूल किया। गिरोह द्वारा कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फायनेंस सहित कई कंपनियों के एजेंटों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करना कबूल किया गया है।

गाँवों में बेचते थे वाहन

जाँच मंे इस बात का खुलासा हुआ कि सिवनी के ग्राम धनौरा में ज्वैलर्स की दुकान चलाने वाला प्रवीण सोनी फर्जी दस्तावेजों से वाहन खरीदने के लिए डाउन पेमेंट करता था। इसके लिए वह प्रशांत व इंद्रजीत काे रुपए देता था। वाहन फायनेंस कराने के बाद दोनों प्रवीण को वाहन देते थे जिसे वह महँगे दामों पर ग्रामीण इलाकों में बेच देता था।

Created On :   30 Dec 2024 10:29 PM IST

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