जबलपुर: ट्रेनें चल रहीं फुल, इधर एक साल से नहीं मिली एक भी नई गाड़ी

ट्रेनें चल रहीं फुल, इधर एक साल से नहीं मिली एक भी नई गाड़ी
  • अंतिम बार जबलपुर के लिए रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस हुई थी शुरू, बजट में नई ट्रेन की उम्मीद
  • कुछ रूटों पर ट्रेनों का संचालन तो हो रहा है मगर वह सिर्फ नाममात्र के लिए है।
  • इन शहरों के लिए अभी ट्रेन चलती तो है मगर वह जबलपुर से होकर गुजरती है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल से चलने व गुजरने वाली ट्रेनें हाउस फुल चल रही हैं। अधिकांश ट्रेनों में पैर रखने की भी जगह नहीं है। सभी रूटाें की ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट से यात्री परेशान हैं। इसके बाद भी पिछले एक साल से एक भी नई ट्रेन का संचालन शुरू नहीं किया गया है।

अंतिम गाड़ी जून 2023 में रानी कमलापति स्टेशन(भोपाल) से जबलपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई गई थी, जिसका संचालन पहले तो जबलपुर से सीधे भोपाल होता था मगर अब यह ट्रेन रीवा से संचालित होने लगी है। यह ट्रेन शॉट रूट की होने के कारण इसका फायदा कुछ यात्रियों को ही मिल रहा है। ऐसे में 2024-25 के बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं।

जबलपुर से वाशिंदे कई रूटों में नई ट्रेन की माँग कर रहे हैं। खासकर जबलपुर से रायपुर वाया गोंदिया और बनारस के लिए ज्यादा उम्मीदें लगाई जा रही हैं। इसके अलावा चेन्नई के लिए स्लीपर कोच ट्रेन, पुणे और बेंगलुरु के लिए भी नई ट्रेन की माँग की जा रही है।

कुछ रूटों पर ट्रेनों का संचालन तो हो रहा है मगर वह सिर्फ नाममात्र के लिए है। जैसे मुंबई के लिए गरीब रथ सप्ताह में तीन दिन ही चलती है इसका विकल्प भी होना चाहिए। लोगों को उम्मीद है कि इस बजट में पश्चिम मध्य रेल को नई ट्रेन की सौगात मिलेगी।

कई रूटों पर नई ट्रेन की आस

जबलपुर सहित आसपास के जिलों के लोग वर्षों से कई रूटों पर नई ट्रेन चलाने की माँग कर रहे हैं। कई बार तो महाप्रबंधक की बैठक में भी नई ट्रेनों के संचालन का सुझाव आ चुका है। खासकर जबलपुर से पुणे, रायपुर, बनारस, बेंगलुरु व चेन्नई के लिए नई ट्रेन की माँग की जा रही है।

इन शहरों के लिए अभी ट्रेन चलती तो है मगर वह जबलपुर से होकर गुजरती है। दूसरे शहरों से चलने के कारण इन ट्रेनों में जबलपुर से कोटा भी बहुत कम होता है।

चेन्नई के लिए भी नई ट्रेन जरूरी

जबलपुर से चांदाफोर्ट इंटरसिटी भले ही सप्ताह में तीन दिन चल रही है मगर यह चेयरकार होने के कारण अधिकतर खाली ही जाती है। इसके स्थान पर इसी समय पर स्लीपर ट्रेन चलाई जानी चाहिए, ताकि लंबी दूरी का सफर आसान हो सके।

इस रूट पर नई ट्रेन चलाने से यात्रियों को दुर्ग के लिए भी नई ट्रेन मिल सकती है। जबलपुर से इसी ट्रेन से यात्री गोंदिया तक सफर कर गोंदिया से दुर्ग के लिए दूसरी ट्रेन पकड़ सकते हैं।

Created On :   19 July 2024 2:48 PM IST

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