कल्चुरी काल में बनी प्रतिमा की देश के साथ ही विदेश में भी आसानी से जानकारी ले सकेंगे पर्यटक

कल्चुरी काल में बनी प्रतिमा की देश के साथ ही विदेश में भी आसानी से जानकारी ले सकेंगे पर्यटक
जिले की वेबसाइट में मझौली के विष्णु वराह मंदिर को मिली जगह

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

जिले की आधिकारिक वेबसाइट में अब मझौली के प्राचीन विष्णु वराह मंदिर को भी जगह मिल गई है। इस वेबसाइट के जरिए अब देश-विदेश के लोग विष्णु वराह मंदिर की जानकारी ले सकेंगे। जिला सूचना विज्ञान विभाग द्वारा वेबसाइट के पर्यटक स्थल पेज पर मंदिर को जगह दी गई है। पहले इस पेज पर केवल 5 स्थलों के विषय में जानकारी देने का स्पेस था जिसे बढ़ाकर 6 किया गया जिससे वराह मंदिर को शामिल किया गया।

जिला सूचना विज्ञान अधिकारी आशीष शुक्ला ने बताया कि जो भी पर्यटक जबलपुर या आसपास घूमने के लिए आते हैं वे जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट jabalpur.nic.in के जरिए जिले की जानकारी जुटाते हैं। अब इसमें उन्हें विष्णु वराह मंदिर मझौली की भी जानकारी मिलेगी तो वे निश्चित ही वहाँ जाएँगे। श्री शुक्ला ने बताया कि इस वेबसाइट की सामग्री जिला प्रशासन के अधीन है। वेबसाइट का निर्माण राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया था।

दोबारा बनाया गया था मंदिर

जानकारों का कहना है कि पुराना मंदिर समय के साथ जर्जर हो गया था और टूटकर बिखर गया। बाद में 17 से 18वीं सदी में इसे दोबारा बनाया गया। मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है। वराह को विष्णु भगवान का अवतार माना गया है। वराह जंगली सूकर को कहा जाता है।

11वीं सदी में बना था मंदिर

शहर से लगभग 45 किलो मीटर दूर मझौली में बाजार के बीच में बना यह मंदिर 11वीं सदी में कल्चुरी काल में बना था। वराह के शरीर पर 33 कोटि देवी-देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं। यह प्रतिमा लगभग 6 फीट ऊँची है और कहा तो यह भी जाता है कि एक मछुआरे को यह प्रतिमा तालाब में मिली थी तब छोटी थी। इसे मंदिर में स्थापित किया गया तो यह बढ़ने लगी। बाद में सोने की कील ठोकी गई तब से प्रतिमा का बढ़ना कम हो गया।

पास में ही है कटाव घाट

मझौली में मंदिर से करीब 7 किलोमीटर दूर कटाव घाट है। यहाँ के प्राकृतिक नजारे लोगों को आकर्षित करते हैं। यहाँ स्थानीय नदी है जो नजारे को बेहतर बना देती है। यहाँ मेला भी लगता है और कई अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं। यहाँ भी कई मंदिर हैं और पूरे वर्ष लोग यहाँ पिकनिक मनाने आते हैं।

Created On :   14 July 2023 1:34 PM IST

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