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जबलपुर: प्रशासन के सामने थीं कई चुनौतियाँ बड़ी-बड़ी, चुनावी माहौल में बीता साल
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
साल के इन्हीं अंतिम दिनाें में पूरे शहर का ध्यान कलेक्ट्रेट की एक 5 करोड़ की फाइल ने खींच लिया जिसकी नोटशीट गायब हो गई थी। कुल मिलाकर जिले के प्रशासनिक अमले के लिए यह साल बेहद थकाने वाला लेकिन अंत में सुकूनदायी रहा। जो अब पुराना हो चुका वह साल जनवरी माह में बिल्कुल नया-नया था। उसी माह खेलो इंडिया और संत रविदास जी की स्मृति में विकास यात्रा का आयोजन किया गया। इसके साथ ही एक व्यस्त साल की शुरुआत हुई। भारत पर्व का आयोजन किया गया। इसी बीच बरगी, कुंडम और शहपुरा के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में शामिल कर शासन ने हजारों लोगों को राहत प्रदान कर दी। मार्च में 568 करोड़ के टारगेट को लेकर पंजीयन विभाग ने मेहनत तो बहुत की लेकिन पिछड़ गए।
ये योजना गुम गई
मई माह में 3260 करोड़ से नर्मदा किनारे भटौली के पास 332 हेक्टेयर भूमि पर न्यू ग्रीन फील्ड सिटी के निर्माण की बात की गई थी और कलेक्टर ने दिल्ली में प्रजेन्टेशन भी दिया था, किन्तु यह योजना कहीं गुम होकर रह गई है।
सिवाय घोषणा के अभी तक इसके लिए कुछ नहीं किया गया।
जियोलॉजिकल पार्क बनाने भूमि आवंटित
भेड़ाघाट में जियोलॉजिकल पार्क बनाने के लिए 12 हेक्टेयर भूमि का आवंटन कलेक्टर द्वारा किया गया है। इसी तरह पुराने और चलन से बाहर हो चुके रजिस्ट्री तथा अन्य कार्यों में उपयोग आने वाले 347 करोड़ के स्टाम्प को नष्ट कर दिया गया। सबसे अधिक स्टाम्प करीब 62 करोड़ 89 लाख के रीवा से लाए गए थे।
फाइल और नोटशीट ने बटोरीं सुर्खियाँ
25 और 26 जनवरी 2023 को आयुर्वेद कॉलेज और गैरिसन मैदान सदर में हुए आयोजनों के बिल भुगतान से सम्बंधित 5 करोड़ रुपयों की फाइल से नोटशीट के गायब होने की खबर ने जमकर सुर्खियाँ बटोरीं। इस मामले में गठित कमेटी ने कलेक्ट्रेट के कार्यालय अधीक्षक सहित दो बाबुओं को दोषी पाया।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आए
सितम्बर माह में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शहर आगमन हुआ। यह अलग बात है कि वे मुख्य शहर नहीं आईं और ट्रिपल आईडीएम में ही कार्यक्रम में शामिल होकर वापस चली गईं। इसी प्रकार 30 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का डुमना विमानतल पर आगमन हुआ और वे वहीं से शहडोल चले गए।
अक्टूबर में जारी हुई थी मतदाता सूची
4 अक्टूबर 2023 की स्थिति में जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 18 लाख 67 हजार 841 थी, यह वह समय था जब विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी। कायदे से साल 2023 का सबसे बड़ा आयोजन विधानसभा चुनाव ही रहा। इस कार्य में पूरा प्रशासनिक मोहकमा जूझता रहा।
17 नवम्बर को हुए मतदान के बाद 3 दिसम्बर को जब मतगणना हुई तब जाकर प्रशासन ने चैन की साँस ली।
132 करोड़ का धान घोटाला
1 अक्टूबर को मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक काॅर्पोरेशन के प्रबंध संचालक ने पत्र जारी कर मेसर्स गो ग्रीन वेयर हाउसेज प्राइवेट लिमिटेड को 5 वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट करने के आदेश जारी किए थे, इस कम्पनी पर 12 लाख क्विंटल से अधिक गेहूँ की देखरेख का जिम्मा था लेकिन गेहूँ सड़ने और गायब होने से शासन को 132 करोड़ का चूना लगा था।
8 हजार क्विंटल का मूँग घोटाला
मझौली के ग्राम रानीताल के एक वेयर हाउस में गड़बड़ी की शिकायत के बाद कलेक्टर ने एसडीएम को जाँच के आदेश दिए तो यहाँ भारी गड़बड़ी सामने आई। 8 हजार क्विंटल मूँग कम पाई गई जिससे 6 करोड़ रुपयों से अधिक की गड़बड़ी हुई।
अरबों की जमीन शासन के नाम
मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के नाम लीज पर दी गई नौदरा ब्रिज के समीप की भूमि को जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग के नाम दर्ज कर लिया है। अरबों रुपयों की यह भूमि आवासीय प्रयोजन के लिए प्रदान की गई थी।
जिस पर होटल, हॉस्पिटल और दुकानों का खुलेआम संचालन हो रहा था।
Created On :   26 Dec 2023 1:42 PM IST