आयुध कर्मी अँधेरे में: सुरक्षा संस्थानों में कशमकश की स्थिति, 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है मियाद

सुरक्षा संस्थानों में कशमकश की स्थिति, 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है मियाद
  • पहले एक, फिर तीन साल बढ़ीं सेवा शर्तें
  • यही टाइम लिमिट है जो 30 सितम्बर को समाप्त होने वाली है।
  • बाद में इसे 1 साल और बढ़ाकर 3 साल किया गया।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। 30 सितंबर 2024…। यह वो तारीख है जिसे लेकर पूरे ऑर्डनेंस सेक्टर में कशमकश बनी हुई है। कर्मचारी अँधेरे में हैं। उन्हें पता नहीं कि इसके बाद उनकी सेवा शर्तों का क्या होगा।

यह भी तय नहीं कि केंद्र सरकार के सिविल डिफेंस कर्मचारी कहलाएँगे या फिर निगम के तहत नए नियमों को अपनाना होगा..? आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के 1 सितंबर 21 को विघटन के कारण सभी आयुध निर्माणियों को सात रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) में पुनर्गठित किया। इसके 70 हजार कर्मचारियों को दो साल की प्रारंभिक अवधि के लिए डीम्ड प्रतिनियुक्ति के तहत रखा गया। बाद में इसे 1 साल और बढ़ाकर 3 साल किया गया।

यही टाइम लिमिट है जो 30 सितम्बर को समाप्त होने वाली है। आयुध कर्मी चिंतित इस बात पर हैं कि अब तक अवधि पूरी होने के बाद के भविष्य की सेवा शर्तों पर सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश प्रदान नहीं किए गए हैं।

आश्वासन के बाद कार्यवाही नहीं -

आयुध निर्माणी खमरिया के सीडीआरए से संबंधित संगठन आईओएफजीओए तथा एआईएएनजीओ ने केंद्र सरकार के कर्मचारी का दर्जा बरकरार रखने की माँग रखते हुए रक्षा मंत्री के नाम सीजीएम को ज्ञापन सौंपा।

उनका कहना था कि प्रसार भारती के फार्मूले की तरह सुरक्षा संस्थानों में भी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति तक प्रतिनियुक्ति पर माना जाना चाहिए। इस अवसर पर एम भट्टाचार्य, वी संजीव, डीसी पांडे, सत्येंद्र प्रताप सिंह, अजय चौहान, श्रीराम मीणा, जयशंकर यादव व अशोक पटेल मौजूद रहे।

बैज लगाकर 3 माँगें रखीं-

जीसीएफ में आईओएफजीओए, एआईएएनजीओ, आईओएफएनएसएसए के पदाधिकारियों ने काम के दौरान बैज लगाकर विरोध जताया फिर प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर माँगें उठाईं।

इसमें अनिश्चितता दूर करने, वेतन भत्ते, पेंशन इत्यादि कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से ही जारी किए जाने और प्रसार भारती फाॅर्मूला लागू करने की माँग की गई। इस दौरान देवेंद्र प्रताप सिंह, रघुनंदन पटेल, मयंक वर्मा, हिमांशु देशपांडे, ब्रजेश शर्मा, राजेंद्र असाटी, आशीष सहाय उपस्थित थे।

वीएफजे के एआईएएनजीओ ने मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर केंद्रीय कर्मचारी के रूप में उनकी सेवा स्थिति की सुरक्षा के लिए माँगों पर प्रकाश डाला गया। उनका कहना था कि सरकार ने अभी तक इन कर्मचारियों के लिए मानी गई प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के बाद भविष्य की सेवा शर्तों पर स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं।

इस दौरान नटराज अय्यर, कामता प्रसाद द्विवेदी, जितेन्द्र कुमार दुबे, हरीश चौधरी, राजेश तिवारी, नरेन्द्र मीणा, गजेन्द्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।

Created On :   7 Aug 2024 1:58 PM GMT

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