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जबलपुर-दमोह: गड्ढों में तब्दील हो गई सड़क, लोग त्रस्त
- खस्ताहाल सड़क के कारण आए दिन हो रहे हादसे
- एमपीआरडीसी ने कहा - जल्द होगा सुधार
- गड्ढे नहीं भरे गए तो किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर दमोह रोड जिसको नेशनल हाईवे घोषित किया जा चुका है उसकी हालत मानसून सीजन में कई हिस्सों में इतनी बदतर हो चुकी है कि गड्ढों के बीच पूरी कार का चका समा सकता है। भरे हुए पानी के बीच कई जगह इसकी दशा अतिशयोक्ति नहीं लेकिन खेतनुमा जैसी हो चुकी है।
संग्रामपुर से जबेरा कुल 4.9 किलोमीटर में तो वाहन आसानी से निकल ही नहीं सकता। इसी तरह बोरिया से लौहारी के नजदीक इसकी हालत एकदम पस्त है। वर्ष 2013 में निर्मित सड़क को नये सिरे से अपग्रेड करने फाेरलेन हाईवे बनाने की घोषणा दो साल पहले हुई, लेकिन अब यह मार्ग मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन और नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इण्डिया के बीच झूलता नजर आ रहा है।
जो आदमी इस मार्ग से दमोह सागर जाने का निर्णय लेता है वह अपने आपको ठगा सा महसूस करता है। अभी पिछले तीन चार दिन से हुई मानसून बारिश में तो 10 से 15 किलोमीटर के बीच के हिस्से में चलना एकदम दुष्कर सा हाे गया है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इसमें जल्द सुधार न हुआ, गड्ढे नहीं भरे गए तो किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
जबलपुर-दमोह नेशनल हाईवे में जगह-जगह बड़े गहरे गड्ढे हो जाने के कारण आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं और रोज यहाँ चलने वाले वाहन खराब हो रहे हैं।
यह सड़क केवल जबलपुर से कटंगी, जबेरा उससे आगे दमोह जाने के साथ सागर, उससे आगे झाँसी, ग्वालियर, आगरा जाने के लिए भी उपयोग की जाती है। नौरादेही वाली सड़क जो जबलपुर से पाटन, तेंदूखेड़ा, रहली, सागर तिराहा उससे आगे हाईवे 44 तक ले जाती है उसमें जंगली हिस्सों के स्पीड ब्रेकर सफर को कठिन बनाते हैं। इन हालातों में सीधे जबलपुर से दमोह सागर मार्ग का सुधारा जाना जरूरी है। इसके बनने से ओरछा, छतरपुर आगे उत्तर प्रदेश तक जाना भी आसान हो सकता है।
इस मार्ग पर जहाँ अभी ज्यादा परेशानी है उसको बारिश के तुरंत बाद सुधारा जाएगा। इसको हाईवे बनने से पहले मोटरेबल रखने को लेकर विभाग पूरी तरह से काम कर रहा है। जहाँ पर गड्ढे हैं वह हिस्सा करीब 8 से 10 किलोमीटर का है विभाग इसमें वर्क को लेकर प्लान बना रहा है।
-डॉ. राजेन्द्र चंदेल, डीएम एमपीआरडीसी
Created On :   13 Sept 2024 5:20 PM IST