जबलपुर: मेडल की लागत बढ़ती गई, अब गोल्ड पॉलिश के लिए चाहिए एक्स्ट्रा रकम

मेडल की लागत बढ़ती गई, अब गोल्ड पॉलिश के लिए चाहिए एक्स्ट्रा रकम
  • साइंस कॉलेज की अजीब कशमकश में उलझी सेरेमनी
  • स्वर्ण पदक प्रदाता फिक्स रकम में बढ़ोत्तरी करने को तैयार नहीं
  • कॉलेज प्रशासन इस रकम को फिक्स अकाउंट में जमा करता है

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। साइंस कॉलेज के होनहार छात्रों को अवाॅर्ड देने का सिलसिला अचानक थम गया है। कॉलेज प्रबंधन अजीब किस्म की कशमकश में है। स्वर्ण पदक अलंकरण समिति का कहना है कि मेडल की लागत पिछले कई वर्षों से लगातार बढ़ रही है, जिससे कॉलेज में जमा फिक्स रकम के ब्याज से इसकी भरपाई मुमकिन नहीं।

वहीं स्वर्ण पदक प्रदाता फिक्स रकम में बढ़ोत्तरी करने को तैयार नहीं हैं। नतीजतन, बीते दो वर्षों में कॉलेज ने कई प्रतिभावान छात्र तो दिए, लेकिन इनमें से किसी को मेडल हासिल नहीं हो सका।

साइंस कॉलेज में अलग-अलग विषय में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को अलग-अलग लोगों की स्मृति में अलंकृत किया जाता है। अलंकरण समिति ने हाल ही में मीटिंग में निर्णय लिया है कि अगर प्रदाताओं द्वारा फिक्स रकम में इजाफा नहीं किया जाता है तो सम्मान में दिए जाने वाले मेडल को रोक दिया जाएगा।

ऐसे बढ़ी परेशानी

किसी की स्मृति में अवाॅर्ड प्रदान करने के लिए प्रदाताओं की ओर से 12000 से लेकर 20000 रुपए तक की रकम जमा कराई जाती है।

कॉलेज प्रशासन इस रकम को फिक्स अकाउंट में जमा करता है और बैंक से ब्याज के रूप में 800 से 1000 रुपए तक का ब्याज हासिल करता है।

ब्याज की इसी रकम से गोल्ड और सिल्वर के मेडल तैयार कराए जाते हैं और सेरेमनी के दौरान प्रतिभावान छात्रों को प्रदान किए जाते हैं।

बीते दो वर्षों से ब्याज में मिलने वाली रकम से मेडल हासिल नहीं हो पा रहे हैं। प्रबंधन ने ब्याज राशि बढ़ाने के लिए फिक्स रकम में इजाफे की बात कही है।

कॉलेज प्रबंधन ने फिक्स राशि को बढ़ाकर 40,000 करने का निर्णय लिया है। यह भी कहा है, जो प्रदाता यह राशि जमा नहीं कर पा रहे हैं, वे अपनी मूलराशि वापस ले सकते हैं।

दो साल से नहीं बाँट पाए मेडल

मेडल की कॉस्ट बढ़ने से पिछले दो साल से पुरस्कार नहीं बाँटे गए हैं। प्रदाताओं से कहा गया है कि उनकी फिक्स राशि से मिलने वाली ब्याज की रकम अब कम पड़ने लगी है। इसके लिए राशि बढ़ाई गई है। जो इसके लिए तैयार होंगे, उनके नाम से ही मेडल दिए जाएँगे।

एएल महोबिया, प्राचार्य, साइंस कॉलेज

Created On :   15 Jan 2024 3:36 PM IST

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