जबलपुर: समय के साथ बदला होल ब्लड का कॉन्सेप्ट

समय के साथ बदला होल ब्लड का कॉन्सेप्ट
  • मेडिकल कॉलेज में रक्तदाता प्रोत्साहक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
  • कॉलेज के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों समेत करीब 150 लोगों की उपस्थिति रही।
  • दो दिवसीय रक्तदाता प्रोत्साहक प्रशिक्षण एवं रेशनल यूज ऑफ ब्लड विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। समय के साथ होल ब्लड के कॉन्सेप्ट में बदलाव हुआ है। अब विशेष परिस्थितियों में ही मरीजोें को होल ब्लड चढ़ाया जाता है, अन्यथा विभिन्न कॉम्पोनेंट्स जैसे कि रेड ब्लड सेल्स, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स का प्रयोग होता है।

उक्त विचार दिल्ली से आए विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. आशीष महेश्वरी ने व्यक्त किए। अवसर था नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के पैथोलाॅजी विभाग के अंतर्गत ब्लड बैंक द्वारा दो दिवसीय रक्तदाता प्रोत्साहक प्रशिक्षण एवं रेशनल यूज ऑफ ब्लड विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का, जिसका समापन मंगलवार को हुआ।

मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित समापन कार्यक्रम विभागाध्यक्ष डॉ. संजय तोतड़े, मुंबई से आए विशेषज्ञ डॉ. राजेश बी. सावंत, डॉ. महेश्वरी, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. शिशिर चनपुरिया और डॉ.रानू तिवारी की मौजूदगी में शुरू हुआ।

डॉ. चनपुरिया ने मेडिकोलीगल एस्पेक्ट के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ. भरत पुनासे, डॉ. पुष्पराज बघेल, डॉ. भगवान सिंह यादव, डॉ. ब्रजेंद्र शर्मा, डॉ. अनिमेष, डॉ. विनय छत्तानी के साथ मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों समेत करीब 150 लोगों की उपस्थिति रही। संचालन डॉ. शिरीन गौरी ने किया।

Created On :   20 March 2024 5:34 PM IST

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