Jabalpur News: महिला काे अभद्र इशारे करने के आरोप में कुलगुरु से कमेटी ने की पूछताछ

महिला काे अभद्र इशारे करने के आरोप में कुलगुरु से कमेटी ने की पूछताछ
न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाया और कमेटी से जांच कराने के आदेश िदए

Jabalpur News । रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा पर एक महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए गठित जिला परिवाद कमेटी ने गतदिवस कुलगुरु को तलब किया, उनसे कई घंटों तक पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज िकए गए। कुलगुरु जैसे पवित्र पद पर इस तरह के आरोप का यह पहला मामला था, इसलिए न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाया और कमेटी से जांच कराने के आदेश िदए।

ज्ञात हो कि विवि की महिला अधिकारी ने 21 नवंबर 2024 को आयोजित एक बैठक के दौरान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा पर अशोभनीय टिप्पणी करने और अभद्र इशारे करने का आरोप लगाया था। यह मामला उस समय और गहरा हो गया था, जब आरडीयू की आंतरिक महिला हिंसा और यौन उत्पीड़न कमेटी ने इस मामले की जांच से इनकार कर दिया। इसके बाद एमपी हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला परिवाद कमेटी गठित की और तत्काल जांच के निर्देश दिए। न्यायालय के सख्त रुख को देखते हुए समिति ने गतदिवस कुलगुरु को तलब किया और उनसे पूछताछ की गई। जांच समिति सदस्यों का कहना है िक 24 मार्च तक जांच रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी जाएगी।

ये सदस्य हैं समिति में

हाई कोर्ट के आदेश के बाद अधिवक्ता सरोज तिवारी की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय जिला परिवाद कमेटी बनाई गई जिसमें कांता देशमुख, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, रीना वासनिक, सामाजिक कार्यकर्ता, अंशुमन शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता एवं एमएल मेहरा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को शामिल िकया गया है।

दूसरे ही दिन की थी शिकायत -

बताया जाता है िक महिला अधिकारी ने 22 नवंबर 2024 को राज्य महिला आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, आरडीयू के कुलसचिव और राजभवन को पत्र भेजकर कुलगुरु पर आरोप लगाए थे और जांच की मांग की थी। उन्होंने शिकायत में इस बात का भी उल्लेख किया था िक कुलगुरु की इस अशोभनीय हरकत की वजह से वे बेहद आहत हुई हैं। महिला अधिकारी ने आरडीयू कुलसचिव को आवेदन देकर 21 नवंबर की बैठक के सीसीटीवी फुटेज की मांग की ताकि आरोपों के सत्यापन में मदद मिल सके। लेकिन महिला अधिकारी को सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं कराए गए जिसके बाद उन्होंने एमपी हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

हाई कोर्ट ने दिए थे फुटेज सुरक्षित रखने के िनर्देश -

एमपी हाई कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए और मामले की प्रगति पर निगरानी रखी जाए। जांच कमेटी ने अब तक विभिन्न पक्षों के बयान दर्ज किए हैं।

बयान हो चुके, तैयार हो रही जांच रिपोर्ट -

जिला परिवाद कमेटी ने पहले इस मामले से जुड़े कुछ अधिकारियों के बयान दर्ज िकए थे और उसके बाद गतदिवस कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के बयान लिए गए। जांच रिपोर्ट तैयार करने का कार्य चल रहा है। 24 मार्च को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वीडियो फुटेज भी जमा हो चुके हैं।

- अंशुमान शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जिला परिवाद समिति सदस्य

Created On :   5 March 2025 12:01 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story