जिस अंधमूक चौराहे को स्मार्ट बनाने का किया दावा, वहीं हालात अराजक

जिस अंधमूक चौराहे को स्मार्ट बनाने का किया दावा, वहीं हालात अराजक
फ्लाईओवर के नीचे रखी मूर्तियों के पास लगी जाली टूटी, आसपास हो गए कब्जे

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शहर के एंट्री प्वाॅइंट में प्रमुख अंधमूक चौराहे को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 2 करोड़ की लागत से सँवारा गया है। इस चौराहे को लेकर दावा किया गया कि शहर के प्रवेश वाले हिस्से से एकदम आधुनिक रूप देकर इसे स्मार्ट बना दिया जाएगा पर अफसोस, यह चौराहा आज भी कस्बाई हालात में हैं। न तो यहाँ किसी तरह से हालात बदले, न ही संसाधन जुटाने के बाद जो स्मार्ट लुक की गारंटी दी गई थी वो यहाँ दिखाई दी।

अभी करोड़ों खर्च होने के बाद भी यह चौक कब्जों से घिरा हुआ और ट्रैफिक के लिहाज से खतरों से भरा हुआ है। न रात में यहाँ वाहनों पर नियंत्रण हो इसकी व्यवस्था है, न दिन में वाहनों को निकलने के दौरान किसी तरह की राहत है। लोगों का कहना है कि इस चौराहे पर स्मार्ट जैसा कुछ नहीं, स्थिति पहले जैसी बदतर ही है। बड़ा बजट खर्च होने के बाद भी चौराहे पर सब कुछ जस का तस है।

नीचे के हिस्से में अतिक्रमण

फ्लाईओवर के नीचे मूर्तियों को लगाया गया, गार्डन विकसित करने का दावा किया गया। इसी तरह रोटरी में घास लगाई गई और कुछ प्रयास हुए लेकिन देखरेख और गुणवत्ता के अभाव में ये दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। चौराहे की दशा को लेकर स्मार्ट सिटी के प्रशासनिक अधिकारी रवि राव कहते हैं कि इस चौक को पूरे प्लान के तहत विकसित किया जा रहा है। इसका वर्क अभी खत्म नहीं हुआ है इसमें सुधार होने वाला है। जो भी गड़बड़ी है उसे ठीक कराया जाएगा और कार्यवाही भी की जाएगी।

निकलने काे तक जगह नहीं

इस चौक पर अस्थाई कब्जे बड़ी समस्या बने हुए हैं। हर उस हिस्से में कब्जे हो रहे हैं जहाँ से आदमी को निकलने के लिए जगह मिलना जरूरी होता है। फ्लाईओवर के नीचे हर तरफ ठेले है और यहाँ तक कि अब ये गुमटी में भी लगाए जा रहे हैं। इन कब्जों के लिए अलग से धनवंतरी नगर में हाॅकर्स जोन बनाया गया है पर यहाँ कब्जे करने की होड़ मची है।

अभी से उखड़ने लगे पेवर ब्लॉक

इस चौराहे के हिस्से मेडिकल की ओर धनवंतरी नगर चौराहे की सीमा और काॅलेज अस्पताल तक जो पेवर ब्लॉक लगाए जा रहे हैं वे उखड़ने लगे हैं। फुटपाथ बनाने की कोशिश कई जगह बारिश में धुली हुई नजर आ रही है। इसी के साथ इस हिस्से में किनारे कुछ हालात सुधारने की काेशिश हुई वह भी बिखरी नजर आ रही है। लाखों खर्च कर जो यहाँ फुटपाथ को सँवारने के प्रयास किए गए, वे बेकार हो चुके हैं।

Created On :   25 Aug 2023 8:28 AM GMT

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