जबलपुर: मदन महल-गंगा सागर सड़क निर्माण की धीमी प्रोसेस से जनता हलाकान

मदन महल-गंगा सागर सड़क निर्माण की धीमी प्रोसेस से जनता हलाकान
500 मीटर बनने के बाद आगे पूरे कब्जे हटाए नहीं जा सके, बीते दो साल से चल रही निर्माण की कवायद, अब भी बड़े हिस्से में विद्युत पोल अलग नहीं किए जा सके

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

लंबी कवायद के बाद मदन महल चौक से गंगा सागर आमनपुर रोड को चौड़ा बनाए जाने की प्रक्रिया आरंभ हुई। इस कोशिश में 500 मीटर के दायरे में नई सीमेण्ट सड़क बन भी गई, लेकिन उससे आगे बनने में अब भी कई रोड़े हैं। सड़क के निर्माण में अब भी अतिक्रमण बाधा बने हुए हैं, साथ ही जो विद्युत पोल सड़क के चौड़ा होने में हटाए जाने हैं उनको हटाकर नये नहीं लगाए जा सके, जिससे निर्माण बेहद धीमी गति से हो रहा है। इस मार्ग से इन दिनों जो भी निकलता है वह नगर निगम की कार्य शैली को देखकर हैरान है कि आखिर इतनी लंबी प्रक्रिया के बाद भी इस मार्ग को अब तक बनाया क्यों नहीं जा सका। सड़क से जो भी वाहन चालक निकल रहा है अधूरे बने हिस्से में धूल से नहा रहा है। जो हिस्सा नहीं बना है उसकी विशेष बात यह भी है कि उसे मोटरेबल नहीं रखा जा सका है।

पूरे 4 किलोमीटर के दायरे में बने

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मदन महल गंगा सागर मार्ग को केवल गंगा सागर तालाब की सीमा तक चौड़ा न बनाकर इसको एकता चौक, बीटी तिराहा, आनंद कुंज, गढ़ा बाजार और पण्डा मढ़िया धनवंतरी नगर तक चौड़ा किया जाना चाहिए। यदि इस पूरे इलाके में सड़क को 60 फीट की सीमा तक चौड़ा कर दिया जाता है, तो लाखों की आबादी का भला हो सकता है। इससे पूरे 3 से 4 किलोमीटर के एरिया में अभी जो सड़क जाम और सँकरी सड़कों के कारण जनता को खासी परेशानी होती है उससे कुछ हद तक निजात मिल सकती है।

डिवाइडर न बनने से परेशानी

पर्याप्त चौड़ी सड़क है जिस हिस्से में बन चुकी है उस हिस्से में इसके सेंटर प्वाॅइंट में डिवाइडर न बनाने के फैसले से भी जनता परेशान है। लोगों का कहना है कि यदि इस मार्ग पर डिवाइडर बना दिया जाए तो जो सड़क बनकर तैयार हो रही है उसका सही उपयोग हाे सकेगा। यदि डिवाइडर नहीं होंगे तो दुकानों के सामने वाहनों के कब्जे ज्यादा होंगे। सड़क को आसानी से बीच हिस्से तक घेरा जा सकता है। डिवाइडर होने पर सड़क के दोनों हिस्सों में कम से कम सीमा तय होती है जिससे कब्जे कम होते हैं।

Created On :   22 Dec 2023 3:01 PM IST

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