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जबलपुर: पालन प्रतिवेदन पेश करें, वरना हाजिर हों निगमायुक्त
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
एक अवमानना प्रकरण में हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त जबलपुर स्वप्निल वानखड़े को अगली सुनवाई तक हर हाल में पालन प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने नगर निगम को अंतिम अवसर देते हुए कहा कि अब इसके बाद अतिरिक्त मोहलत नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो अवमाननाकर्ता अधिकारी को हाजिर होना पड़ेगा। मामले पर अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी।
जबलपुर निवासी लखन जायसवाल, संतोष चौधरी सहित अन्य ने अवमानना याचिका दायर कर 1988 के पूर्व से काम कर रहे हैं। शासन और नगर निगम के परिपत्र पर नियमितीकरण का लाभ नहीं मिलने पर उन्होंने पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार पांडे ने दलील दी कि कई कनिष्ठ कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दे दिया गया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने अप्रैल 2022 में नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया था कि कनिष्ठों की तरह याचिकाकर्ताओं को भी नियमितीकरण के साथ समस्त वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएँ। नगर निगम ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि कनिष्ठों को लाभ दिया गया है और यह अंडिरटेकिंग दी थी कि याचिकाकर्ताओं को भी नियमित कर दिया जाएगा। कोर्ट ने इसके लिए 90 दिन की मोहलत दी थी। कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दायर की। सितंबर 2022 से अभी तक नगर निगम की ओर से पालन रिपोर्ट पेश करने कई बार मोहलत माँगी गई। विगत दिवस सुनवाई के दौरान निगम प्रशासन की ओर से पुन: मोहलत माँगी गई। कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए उक्त आदेश जारी किया।
Created On :   7 Dec 2023 7:30 PM IST