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जबलपुर: कृषि उपज मंडी में हर तरफ गंदगी का अंबार, व्यापारी और किसान परेशान
- जहाँ-तहाँ पानी भरने और दलदल से बढ़ा संक्रमण फैलने का खतरा मूकदर्शक बने जिम्मेदार
- मंडी प्रशासन की इस लापरवाही से व्यापारी और किसान दोनों ही परेशान
- कीड़े-मकौड़ों की मौजूदगी में व्यापारियों काे बैठना पड़ता
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सब्जी, फल, अनाज के साथ अन्य तरह की सभी खाद्य सामग्रियों के थोक व्यापार के लिए बनाई गई कृषि उपज मंडी में अराजकता ही अराजकता देखी जा सकती है। सबसे बुरा हाल सफाई व्यवस्था का है, क्योंकि मंडी प्रांगण में हर तरफ गंदगी का अंबार देखा जा सकता है। जिससे संक्रमण फैलने का लगातार खतरा बना रहता है।
मंडी प्रशासन सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा जरूर करता है, लेकिन सिर्फ कागजों में। मंडी प्रशासन की इस लापरवाही की वजह से व्यापारी और किसान दोनों ही परेशान हैं। व्यापारी संघ द्वारा अनेक बार व्यवस्थाएँ दुरुस्त करने के लिए ज्ञापन सौंपे गए, शिकायतें की गईं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
नालियाँ बजबजा रहीं, कचरे के ढेर लगे
कृषि उपज मंडी में ज्यादातर नालियाें की सफाई महीनों से नहीं हुई, जिसके कारण मलबे के ढेर से नालियाँ बजबजा रही हैं। इतना ही नहीं कचरे के ढेर जगह-जगह देखे जा सकते हैं। जिसके कारण मक्खी और मच्छरों के साथ कई तरह के खतरनाक कीड़े-मकौड़ों की मौजूदगी में व्यापारियों काे बैठना पड़ता है।
सबसे ज्यादा परेशानी आसपास के ग्रामीण अंचलों से आने वाले उन किसानों और मजदूरों को उठानी पड़ती है, जो माल बेचने के लिए रात में ही मंडी पहुँच जाते हैं। यही हाल सुलभ शौचालय का है, यहाँ भी सफाई सिर्फ औपचारिकता के लिए होती है। कचरे के ढेर की सफाई न होने के कारण जगह-जगह दुर्गंध की वजह से खड़ा होना भी दूभर है।
जागरूकता और सख्ती ही समाधान
कृषि उपज मंडी में सफाई व्यवस्था भले ही नियमित रूप से नहीं होती है, लेकिन लोगों का भी जागरूक होना जरूरी है। क्योंकि मंडी में व्यापार के लिए आने वाले किसान ही माल बेचने के बाद कचरा निर्धारित स्थान की जगह चाहे जहाँ फेंककर चले जाते हैं।
व्यापारियों द्वारा इस मामले को लेकर कई बार अभियान चलाए गए, लेकिन व्यवस्था नहीं सुधरी। इसलिए ज्यादातर व्यापारियों का मानना है कि प्रशासनिक स्तर पर इसमें सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि नियमित सफाई के साथ लोग भी जागरूक हों।
Created On :   11 Jan 2024 3:54 PM IST