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जबलपुर: रिंग रोड के आखिरी हिस्से की एनओसी नये साल में मिलेगी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
रिंग रोड के पहले हिस्से का वर्क प्रोग्रेस में है तीन हिस्सों का निर्माण वर्क इसी माह मध्य से आरंभ होगा तो अंतिम हिस्सा जो जबलपुर कुण्डम रोड अमझर घाटी से बरेला शारदा मंदिर तक बनना है इसकी अनुमति नये साल में मिलेगी। नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इण्डिया ने इस अंतिम हिस्से का फाइनल प्रपोजल जो भेजा है उसके लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय दिल्ली ने भरोसा दिया है कि इसका फाइनल अप्रूवल नये साल के शुरुआती माह में ही मिल सकेगा। रिंग रोड का यह फाइनल फेज 18 किलाेमीटर का है। कुल 108 किलोमीटर में 90 किलोमीटर के वर्क की अनुमति सहित टेण्डर और जमीनी तौर पर वर्क की कवायद आरंभ कर दी गई है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू कहते हैं कि हमने पूरी प्रक्रिया के बाद फाइनल फेज के लिए प्रस्ताव यहाँ से भेजा है। इसके लिए बहुत तेज गति से दिल्ली में प्रक्रिया चल रही है।
शुरुआत और बीच के हिस्से ऐसी दशा में| तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि से बन रही इस सड़क का पहला हिस्सा 16 किलोमीटर का है जो बरेला से मानेगाँव तक तैयार किया जा रहा है। अगले तीन हिस्से जिनमें काम अगले कुछ दिनों में आरंभ होना है वह मानेगाँव से भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन, भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन से पनागर कुशनेर, पनागर कुशनेर से अमझर घाटी तक आते हैं इनमें जिन कंपनियों को वर्क आरंभ करना है उनसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया ने निर्माण के लिए करार कर लिये हैं। कुल 5 हिस्सों में यह सड़क बनाई जा रही है। जिन हिस्सों में अभी वर्क आरंभ होना है उनमें 90 फीसदी तक भूमि की अधिग्रहण प्रक्रिया को निपटा लिया गया है।
ऐसी बननी है रिंग रोड
बरेला से मानेगाँव तक 16 कि.मी. पहला हिस्सा।
इसकी लागत 652 करोड़ रु. है।
बरेला से एनएच-45 भेड़ाघाट स्टेशन।
इसकी लंबाई 20 किलोमीटर लागत 917 करोड़।
एनएच-45 भेड़ाघाट स्टेशन से कुशनेर पनागर।
लंबाई 36 किलोमीटर और लागत 911 करोड़।
कुशनेर पनागर से अमझर रोड कुण्डम तक।
फोरलेन 23 किलोमीटर इसकी लागत 613 करोड़।
आखिरी हिस्सा कुण्डम अमझर से बरेला शारदा मंदिर तक।
रिंग रोड की कुल निर्माण लागत 3 हजार करोड़ से ज्यादा।
कुल 108 कि.मी के एरिया में बनेगी यह उपयोगी सड़क।
Created On :   7 Dec 2023 5:33 PM IST