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मेडिकल के ईएनटी डिपार्टमेंट में नई रिसर्च
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डिजिटल डेस्क,जबलपुर। तंबाकू और गुटखा-सुपारी की लत के चलते मुँह का जबड़ा पूरी तरह न खुलने की समस्या से पीड़ित व्यक्ति आए दिन देखने मिल जाते हैं। कई बार समस्या इतनी बढ़ जाती है कि जबड़ा खुलना बंद हो जाता है, खाना खाते वक्त मिर्च लगने जैसी जलन होती है। आगे जाकर इस समस्या के कैंसर के रूप में सामने आने के चांस भी होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के उपचार के लिए अब अपनाई जा रही ट्रेडिशनल तकनीक के अलग एक नई पद्धति से सफल इलाज का प्रयोग नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के नाक-कान-गला रोग विभाग में हुआ है। दरअसल ट्रेडिशनल पद्धति में स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके वेरिएबल रिजल्ट्स देखे जाते थे। लेकिन ईएनटी विभाग में हुए प्रयोग में मरीजों पर मरीजाें के ही ब्लड कंपोनेंट से बने इंजेक्शन लगाए गए और मरीजों में सकारात्मक सुधार देखा गया। ब्लड कंपोनेंट के रूप में पीआरपी के इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए।
20 मरीजों पर किया प्रयोग, 6 माह तक किया ऑब्जर्व
विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा व डॉ. दीपांकर चंद्राकापुरे ने बताया कि विभाग मंे 20 मरीजोंे पर ट्रेडिशनल पद्धति और 20 मरीजों पर पीआरपी के इंजेक्शन के प्रयोग से ट्रीटमेंट किया गया। ट्रीटमेंट पूरा होने के बाद मरीजों को लगातार ऑब्जर्व किया गया, जिसमें यह पाया गया कि पीआरपी ट्रीटमेंट से भी मरीजों के जबड़े खुलने लगे। सख्त हो गई चमड़ी फिर से मुलायम होने लगी। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं था। चिकित्सकों ने 6 महीने तक मरीजांे को ऑब्जर्व भी किया।
Created On :   15 Jun 2023 1:46 PM IST