जबलपुर: एमयू को 400 से ज्यादा कॉलेजों से वसूलना है जीएसटी, अब तक 100 कॉलेजों की पड़ताल

एमयू को 400 से ज्यादा कॉलेजों से वसूलना है जीएसटी, अब तक 100 कॉलेजों की पड़ताल
  • 1 जुलाई 2017 से बकाया है कॉलेजों पर जीएसटी
  • वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में बनाई 5 सदस्यीय कमेटी कर रही जाँच
  • पाँच सदस्यीय कमेटी 1 जुलाई 2017 से लेकर अब तक कॉलेजों की बकाया जीएसटी का आकलन कर रही है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा संबद्ध प्रदेशभर के 400 से ज्यादा कॉलेजों से जीएसटी वसूलना है। जीएसटी की राशि करोड़ों में है, क्योंकि ऐसे कई कॉलेज हैं जिन्होंने 1 जुलाई 2017 से ही संबद्धता पर जीएसटी नहीं दिया है।

बीते करीब एक पखवाड़े से एमयू वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी इस पड़ताल में जुटी है कि किस कॉलेज से कितना जीएसटी लिया जाना है। 15 दिन बीतने के बाद भी अब तक करीब 100 कॉलेजों की ही पड़ताल हो सकी है, हालांकि कमेटी को 10 दिनों के भीतर जीएसटी से जुड़े बकाया भुगतान का आकलन करना था, लेकिन कॉलेजों की अत्यधिक संख्या के चलते आकलन में समय लग रहा है।

इसके बाद ही सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार कमेटी को करीब 450 तत्कालीन मामलों में जीएसटी जमा कराने सख्ती नहीं की गई। पूर्व में अधिकारियों की इस नरमी से अब विश्वविद्यालय पर जीएसटी का बकाया आर्थिक भार बढ़ गया है।

यह बात सामने कॉलेजों के बकाया जीएसटी का आकलन करना है। बता दें कि शिक्षा के क्षेत्र में जीएसटी को लेकर असमंजस और संचालकों के तर्क के चलते आ रही है कि कई कॉलेजों ने शुरुआत से ही जीएसटी नहीं दिया है।

जो कॉलेज बंद हुए, उनसे भी होगी वसूली

1 जुलाई 2017 से जिन कॉलेजों का जीएसटी बकाया है, उनमें कुछ कॉलेज अब ऐसे हैं जो बंद हो चुके हैं या उनकी संबद्धता रिन्यू नहीं हुई। ऐसे में इन कॉलेजों से भी जीएसटी शुल्क वसूलना एमयू के लिए बड़ी चुनौती है।

अधिकारियों का कहना है कि कॉलेज बंद होने पर संचालकों को नोटिस जारी किए जाएँगे। विवि द्वारा गठित कमेटी वर्ष 2017 से लेकर अब तक प्रत्येक काॅलेज की ओर से दिए गए संबद्धता शुल्क की जाँच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि किस कॉलेज ने नियमानुसार प्रति वर्ष संबद्धता शुल्क पर जीएसटी राशि का भुगतान किया है या नहीं।

पाँच सदस्यीय कमेटी 1 जुलाई 2017 से लेकर अब तक कॉलेजों की बकाया जीएसटी का आकलन कर रही है। कॉलेजों की संख्या अधिक है, इसलिए समय लग रहा है। 100 कॉलेजों से जुड़ा कार्य लगभग हो गया है, अभी 350 कॉलेज शेष हैं। बचे हुए कॉलेजों का आकलन भी शीघ्र होगा। उसके बाद नोटिस जारी किए जाएँगे।

-डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल, कुलसचिव, एमयू

यह है पूरा मामला

शासन के आदेशानुसार सत्र 2017-18 से संबद्धता शुल्क पर काॅलेजों से 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाना है। इसमें नौ प्रतिशत सीजीएसटी और नौ प्रतिशत एसजीएसटी सम्मिलित है। यह राशि संबद्धता सहमति और प्रतिवर्ष संबद्धता निरंतरता पर चुकाना है।

समस्त काॅलेजों को 1 जुलाई, 2017 से लागू किए गए जीएसटी की राशि को नियमानुसार विश्वविद्यालय कोष में जमा करने के निर्देश दिए गए है। आदेश की परिधि में मेडिकल, डेंटल, आयुष, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल, सभी संस्थानों को रखा गया है।

Created On :   2 July 2024 7:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story