Jabalpur News: .फर्जी तरीके से कर्मचारी बनाए और रिटायरमेंट की रकम भी हड़पी

.फर्जी तरीके से कर्मचारी बनाए और रिटायरमेंट की रकम भी हड़पी
विभागीय भविष्य निधि से अंतिम आहरण के रूप में अवैध तरीके से राशि का भुगतान किया

Jabalpur News । संयुक्त संचालक ऑडिट कार्यालय में हुए गबन के मामले में गुरुवार को ओमती थाने में संदीप शर्मा सहित कुल 5 लोगाें के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। वहीं 35 ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जिन्हे संदीप ने लाभ पहंुचाया है। एफआईआर में गबन की कुल राशि 6 करोड़ 99 लाख रुपए बताई गई है। इसमें से 5 करोड़ 27 लाख रुपए तो संदीप ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों के खातों में भेजे थे। वहीं बाकी की रकम उसने खुद के खाते में भेजी। संदीप ने फर्जीवाड़े की तमाम हदें पार करते हुए चतुर्थ श्रेणी में भी अपने जानकारों को कर्मचारी या उनके नॉमिनी के रूप में फर्जी सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय भविष्य निधि से अंतिम आहरण के रूप में अवैध तरीके से राशि का भुगतान किया।

ऐसे हुआ खुलासा-

:- 28 फरवरी को इस मामले की जानकारी तब सामने आई, जब एक बिल में जिला कोषालय ने गलती पकड़ी और दूरभाष पर जानकारी दी गई।

:- इस पर ऑडिट कार्यालय से जानकारी भेजी गई कि बिल का स्वीकृति आदेश विभाग से जारी ही नहीं हुआ। इससे सबके कान खड़े हो गए।

:- सबसे पहले तो संदीप शर्मा के वेतन का मामला ही सामने आया, जिसमें वह वर्ष 2024 से जनवरी 2025 तक प्रति माह 4 लाख रुपए से अधिक का भुगतान खुद को करता रहा।

:- इसके बाद मामला कलेक्टर दीपक सक्सेना के सामने पहंुचा, उन्होंने 6 मार्च को 8 सदस्यीय जांच दल का गठन िकया और पूरे मामले की विस्तृत जांच के िनर्देश िदए।

दो बढ़ी वजह, जिनका फायदा उठाया-

01:- यहां एडवांटेज-

एफआईआर में बताया गया है िक संदीप शर्मा वर्ष 2012 से लेखा कार्य कर रहा था। वह चूंकि ऑनलाइन प्रक्रिया का जानकार था इसलिए पे रोल जनरेशन एवं बिल क्रिएशन में क्रिएटर स्टेज 1 का होने के बाद भी वह अप्रूवर स्टेज 3 तक का कार्य करता था।

02:- यहां खामियां-

आईएफएमआईएस साॅफ्टवेयर में 5 लाख तक के लिए मैनुअल एंट्री हो सकती है। इसका सीधा सा मतलब है िक 5 लाख तक की संख्या व्यक्ति अपने स्तर से दर्ज कर सकता है। इस कमी का फायदा संदीप ने उठाया और अपने वेतन में 1300% से अधिक 4. 35 लाख से लेकर 4.50 लाख तक की राशि निकाली। जबकि उसका वेतन 32 से 34 हजार के बीच है। उसने एक वर्ष में ही 56, 58,718 रुपए अतिरिक्त वेतन निकाला।

साथी कर्मी को भी पहंुचाया लाभ-

संदीप शर्मा ने अपने साथ कार्य करने वाले अनूप कुमार बौरिया को डीए एरियर की राशि के रूप में लाभ पहंुचाया। अनूप की स्वीकृत राशि 2808 रुपए थी लेकिन संदीप ने साॅफ्टवेयर में गलत एंट्री कर यह राशि 2 लाख 53 हजार 8 रुपए कर दी। इस प्रकार उसे ढाई लाख का लाभ पहंुचाया।

इन पर हुई एफआईआर-

पुलिस ने संदीप शर्मा निवासी फ्लेट नम्बर 410 चंद्रिका परिसर गोरखपुर, सीमा अमित तिवारी, मनोज बरहैया, प्रिया विश्नोई निवासी 190 शताब्दीपुरम शहनाई गार्डन और अनूप कुमार भौर्या के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इन 35 के एकांउट में रकम ट्रांसफर-

संदीप शर्मा ने अनिकेत विश्वकर्मा, प्रतीक शर्मा, पुनीता, प्रियांशु शर्मा, शैरान अर्पित हैरिसन, शालोम विवियन गिल, आशीष विश्वकर्मा, मो. रयाज, राहुल शर्मा, कविता शर्मा, स्वाति शर्मा, दिलीप कुमार विश्वकर्मा, रुकसार परवीन, शिवम शर्मा, मो. सलीम, मो. शरिक, मो. उबेदुल्ला, पुष्पा देवी, शुभम शर्मा, िवनय कुमार, काशिफ आजमी, अनीशा शर्मा, दत्तारय सरवन, पूनम शर्मा, केके शर्मा, श्वेता शर्मा, कृतिका विश्वा, विकास कुमार, अनीता, आकांक्षा, सुष्मिता सरवन, अनिल कुमार मिश्रा, अनिल कुमार मरावी, जया पासी, मेनूका आदि को लाभ पहंुचाया और इनकी भी षड्यंत्र में भूमिका है जिसकी जांच की जा रही है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला-

धारा अपराध की प्रकृति

316-5 - वित्तीय क्षेत्र में किसी पेशे से जुडे रहकर विश्वासघात करना।

319-2 - किसी दूसरे के नाम का सहारा लेकर छल करना।

318-4 - छल से किसी संपत्ति की क्षति पहुचाने से जुडे मामले की गंभीरता पर।

338- - हेरी फेरी करने पर किसी दूसरे के जीवन में खतरा उत्पन्न होने पर।

336-3 - छल कपट करने के मामले में

340-2 - कूटनीति से रसीद, दस्तावेज का उपयोग करने करने पर।

61-2 - गैरकानूनी कार्य करना और उसमें सहभागी बनना।

Created On :   13 March 2025 11:10 PM IST

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