जबलपुर: धान की गड़बड़ी पकड़ने में स्थानीय अफसर पिछड़ गए, भोपाल वाले निकले एक्सपर्ट

धान की गड़बड़ी पकड़ने में स्थानीय अफसर पिछड़ गए, भोपाल वाले निकले एक्सपर्ट
जहाँ लोकल अधिकारी ओके बोलते हैं, वहीं बाहर वालों को मिलता है सड़ा अनाज

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

धान के मामले में भोपाल के अधिकारियों ने जब छापामार कार्रवाई की तो यह पता चला कि कई वेयर हाउसों में बिना अनुमति ही धान की खरीदी हो रही है और उससे भी बड़ी बात तो यह कि अमानक यानी सड़ी हुई धान की खरीदी धड़ल्ले से चल रही है। जब यह रिपोर्ट भोपाल पहुँची तो हल्ला मचा और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कार्रवाई की गई। अब सवाल यह उठता है कि यह गड़बड़ी कैसे हुई। हर वेयर हाउस में जेएसओ यानी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और एसडीएम के निर्देश पर खरीदी हो रही थी तो फिर उन्होंने इस लापरवाही को पकड़ा क्यों नहीं। जिन वेयर हाउसों में अनियमितता पकड़ी गई उन्हें केवल ब्लैकलिस्ट किया गया, अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। दिसम्बर माह में बिना अनुमति दर्जनों वेयर हाउसों में धान एकत्र की गई या खरीदी गई इसे लेकर स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं किया गया लेकिन शिकायत भोपाल पहुँची तो वहाँ से 20 अधिकारियों का एक दल यहाँ आया और उसने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए वेयर हाउसों की रिपोर्ट तैयार की और सीधे वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। रिपोर्ट के आधार पर फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर, डीएम मार्कफेड रोहित बघेल, आरएम वेयर हाउसिंग डीके हवलदार, आधा दर्जन शाखा प्रबंधक वेयर हाउसिंग काॅरपोरेशन को सस्पेंड किया गया और 36 वेयर हाउसों को ब्लैकलिस्ट किया गया। अब स्थानीय स्तर पर यह माँग की जा रही है कि खरीदी और निगरानी का जिम्मा जूनियर सप्लाई ऑफिसर यानी जेएसओ और एसडीएम पर था तो उनके खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई और पुलिस में शिकायत क्यों दर्ज नहीं कराई जा रही है।

Created On :   2 Jan 2024 4:44 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story