गेट लगाने के लिए बीच सड़क पर ही खड़ी कर दी जेसीबी, लगा जाम

गेट लगाने के लिए बीच सड़क पर ही खड़ी कर दी जेसीबी, लगा जाम
व्यस्ततम क्षेत्र सिविक सेंटर, दवा बाजार के समीप जेडीए की कार्यशैली से दो घंटे से ज्यादा परेशान हुए लोग, व्यवस्था पर उठे सवाल

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

सिविक सेंटर की सड़कों पर वैसे ही यातायात का दबाव बना रहता है। जन्माष्टमी को लेकर निकाली जा रही शोभायात्रा को लेकर गुरुवार को शास्त्री ब्रिज से मालवीय चौक के बीच सारे रास्ते बंद कर दिए गए थे। आसपास के इलाकों में आने-जाने के लिए लोगों को सिविक सेंटर से होकर गुजरना पड़ रहा था। इससे सड़कों पर यातायात का दबाव और बढ़ गया था। इसी बीच सिविक सेंटर में दवा बाजार के सामने जेडीए द्वारा तैयार किए गए नवनिर्मित कैफेटेरिया में दोपहर 1 बजे गेट लगाने के लिए बीच सड़क पर जेसीबी खड़ी कर दी गई। इसके कारण यातायात अवरुद्ध हो गया। जाम के हालात बन गए, जिसके कारण दो घंटे से ज्यादा समय तक लोग परेशान हुए और व्यवस्था को कोसते हुए नजर आए।

त्योहार का नहीं रखा ध्यान

जाम के कारण परेशान हुए लोगों का कहना था कि जन्माष्टमी के चल समारोह को लेकर पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग के चलते सिविक सेंटर में यातायात का काफी दबाव बढ़ गया था। ऐसे में जेडीए प्रशासन की मनमानी ने आम राहगीरों की परेशानियाँ बढ़ा दीं। दोपहर 1 बजे गेट लगाने के लिए बीच सड़क पर खड़ी की गई जेसीबी दोपहर साढ़े तीन बजे तक खड़ी रही।

रात में भी हो सकता था काम

क्षेत्रीय व्यापारियों और राहगीरों का कहना था कि सिविक सेंटर शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक है। यह सब जानते हुए भी जेडीए द्वारा सड़क पर जेसीबी खड़ी करके दिन में ही गेट लगाने का काम शुरू कर दिया गया, जिससे हालात अराजक हो गए और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि गेट लगाने का काम रात में भी हो सकता था, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों ने अदूरदर्शिता का परिचय दिया। परेशानी आखिरकार जनता के हिस्से में आई।

किसी को नहीं किया तैनात

व्यापारियों ने बताया कि जेडीए प्रशासन की तरफ से गेट के कार्य के संबंध में ट्रैफिक पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई थी। मौके पर वाहनों को रोकने या डायवर्ट कराने के लिए कोई जवान तैनात नहीं था। लोगों को समस्या का आभास तब हुआ जब वे मौके तक पहुँच गए और उनका वाहन फँस गया। हालात ये बने कि चार-पहिया वाहन को पीछे बैक करने या मोड़ने का भी विकल्प नहीं मिला। इससे परेशानी और बढ़ गई थी। यदि ट्रैफिक पुलिस का कोई जवान तैनात रहता तो समस्या इतनी नहीं बढ़ पाती, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा गया।

Created On :   8 Sept 2023 3:51 PM IST

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