Jabalpur News: एमएसएमई में विश्व चैंपियंस बनने लीन मैन्युफैक्चरिंग तकनीक अपनानी होगी

एमएसएमई में विश्व चैंपियंस बनने लीन मैन्युफैक्चरिंग तकनीक अपनानी होगी
  • महाकौशल चैंबर में कार्यशाला, आज भी होंगे आयोजन
  • एमएसएमई मंत्रालय की लगभग 20 योजनाएँ हैं जो एमएसएमई को उनके विकास के हर क्षेत्र में सहायता दे रही है।

Jabalpur News: भारत सरकार एमएसएमई मंत्रालय नई उन्नत प्रोडक्शन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। उसमें लीन मैन्युफैक्चरिंग भी एक महत्वपूर्ण घटक है जिसे अधिक से अधिक एमएसएमई को अपनाना चाहिए, ताकि वो विश्व चैंपियंस बन सके।

उक्त विचार भारत सरकार के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम विकास कार्यालय के द्वारा महाकौशल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम क्षेत्र की इकाइयों के लिए आयोजित "लीन मैन्युफैक्चरिंग" तकनीक पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम में बोलते हुए कार्यालय के सहायक निदेशक निलेश त्रिवेदी ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि अकेले एमएसएमई मंत्रालय की लगभग 20 योजनाएँ हैं जो एमएसएमई को उनके विकास के हर क्षेत्र में सहायता दे रही है।

इनमें लीन एक महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने विभाग की अन्य सभी स्कीमों जैसे पीएमएस क्लस्टर, एक्सपोर्ट आदि पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम में महाकौशल चैम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा उन्होंने कहा कि बदलते दौर की तकनीकों को तत्परता से उपयोग में लाए बिना ग्रोथ करना संभव नहीं। यह भी जानकारी दी कि सदस्यों के लिए निरंतर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं जिससे कि सभी नवीन तकनीकों को जानें और अपनाएँ।

लीन योजना के समन्वयक एवं सहायक निदेशक राजकुमार मोहनानी ने लीज मैन्युफैक्चरिंग योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए इस महत्वपूर्ण स्कीम से जुड़ने पर जोर दिया। इसी क्रम में 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे पीएम विश्वकर्मा योजना पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है।

चैम्बर के राजेश चंडोक, हेमराज अग्रवाल, शंकर नाग्देव, युवराज जैन गढ़ावाल, अखिल मिश्र, अनूप अग्रवाल, अनिल जैन पाली ने उद्यमियों से सहभागिता की अपील की है।

Created On :   17 Jan 2025 4:30 PM IST

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