Jabalpur News: हैदराबाद की तर्ज पर रहेगी रिंग रोड, बदल जाएगी तस्वीर

हैदराबाद की तर्ज पर रहेगी रिंग रोड, बदल जाएगी तस्वीर
  • पांच हिस्सों में निर्माण, 4 हिस्से अगले 12 माह में तैयार होंगे तो आखिरी का हिस्सा 6 माह बाद बनना शुरू हो सकेगा
  • कहीं-कहीं सड़क खतरों से भरी है जिसमें रात में चलना और ज्यादा कठिन है।
  • पूरी सड़क अगले ढाई साल में बनकर शहर को सौगात के रूप में मिलेगी।

Jabalpur News: शहर की सबसे महत्वाकांक्षी सड़क रिंग रोड अगले 30 माह में पूरी बनकर तैयार हो सकेगी। हैदराबाद के रिंग रोड की तर्ज पर पांच अलग-अलग हिस्सों में बन रही इस सड़क में कुल 114 किलोमीटर में से 96 किलोमीटर अगले 12 माह में निर्मित किया जाने का दावा किया जा रहा है तो अंतिम आखिरी हिस्सा जो 18 किलोमीटर है उसका निर्माण 6 माह बाद शुरू हो सकेगा जो 24 माह में पूरा होगा।

इस तरह पूरी सड़क अगले ढाई साल में बनकर शहर को सौगात के रूप में मिलेगी। नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इण्डिया ने इसके निर्माण प्रोग्रेस की समीक्षा की, जिसमें बताया गया कि इसका पहला हिस्सा अभी तक 70 फीसदी बन पाया है, तो बीच के हिस्से की प्रोग्रेस कहीं 30 तो कहीं 29 फीसदी के करीब है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू के अनुसार जो टाइम लिमिट निर्माण को लेकर तय की गई है, उसमें बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

अंतिम हिस्से में निर्माण को लेकर जल्द ही कंपनी से करार होने वाला है। बता दें इस रिंग रोड का कुल निर्माण 3029 करोड़ है, जिसको भारत माला प्रोजेक्ट के तहत निर्मित किया जा रहा है।

फिलहाल निर्माण एरिया से निकलने में मुसीबत

इस रिंग रोड का पहला हिस्सा जो बरेला शारदा मंदिर से चूल्हा गोलाई मानेगांव तक निर्मित किया जा रहा है इसमें रात के वक्त निकलने में अनेक परेशानियां हैं। एकता चौक से जो भी व्यक्ति बरेला, मण्डला, रायपुर की ओर आता या जाता है तो डायवर्सन प्वाॅइंट में अनेक उलझने हैं। कहीं-कहीं सड़क खतरों से भरी है जिसमें रात में चलना और ज्यादा कठिन है।

रिंग रोड से हमें मिलेगी यह सुविधा

रिंग रोड के बनते ही शहर के अंदर हैवी व्हीकल का प्रवेश नहीं हो सकेगा।

ट्रैफिक का घनत्व कम होगा। इसी सड़क के किनारे लाॅजिस्टिक पार्क डेवलप होंगे।

उद्योग के लिए स्मूथ सुरक्षित सड़क मिल सकेगी। शहर काे स्प्रेड होने का अवसर मिलेगा।

इसके साथ अमझर घाटी कुण्डम से एयरपोर्ट तक नयी रोड इससे जुड़ेगी जो एयरपोर्ट काे नयी रोड देगी।

अमरकंटक से भोपाल जाने वाले शहर नहीं आएंगे सीधे पनागर की ओर से भोपाल मुड़ जाएंगे।

इसी तरह कटनी की ओर से मण्डला, रायपुर जाने वाले सीधे अमझर, बरेला शारदा मंदिर से इसी रिंग रोड से रायपुर की ओर जा सकेंगे।

एक्सपर्ट के अनुसार एक रिंग रोड शहर की सड़कों काे अनेक वैकल्पिक लाभ देगी।

कहां से कहां तक वर्क प्रोग्रेस

पहला हिस्सा शारदा मंदिर से चूल्हा गोलाई मानेगांव 70%

दूसरा हिस्सा मानेगांव से भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन 30%

तीसरा हिस्सा भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन से कुशनेर पनागर 29%

चौथा हिस्सा कुशनेर पनागर रोड से अमझरघाटी 23%

पांचवां और अंतिम हिस्सा अमझर से बरेला शारदा मंदिर 0

एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर इसमें कोई कट नहीं

इस रिंग रोड की एक विशेषता यह है कि इसमें पूरे 114 किलोमीटर के निर्माण एरिया में हैदराबाद की तरह एक भी डिवाइडर कट नहीं होगा। किसी वाहन चालक को इसमें कट के माध्यम से चढ़ने और उतरने नहीं मिलेगा। एक तरह से एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर इसको बनाया जाना है, जो आसपास के गांव या टाउन में जाना चाहते हैं तो वे केवल सर्विस रोड से ही निकल सकते हैं।

Created On :   14 Feb 2025 7:22 PM IST

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