Jabalpur News: खनन माफिया ने रक्षा मंत्रालय के फायरिंग एरिया से सटी वन भूमि को भी नहीं छोड़ा

खनन माफिया ने रक्षा मंत्रालय के फायरिंग एरिया से सटी वन भूमि को भी नहीं छोड़ा
  • पिपरसरा एवं भौंरहा में प्रतिबंधित क्षेत्र से बहने वाले घंटापाट नाले से बेधड़क निकाली जा रही रेत
  • खनन माफिया नेे पिपरसरा और भौंरहा के बीच संगम नदी के पास सक्रियता बढ़ा रखी है।
  • घंटा पाट नाला के अलावा फॉरेस्ट एरिया में भी कई स्थानों से बेधडक़ रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर/ गोसलपुर/गांधीग्राम। रेत का अवैध खनन एवं परिवहन करने वालों के प्रति पुलिस व प्रशासन की नरमी तथा खनिज महकमे की मेहरबानी का नतीजा है कि खनन माफिया के कदम रक्षा मंत्रालय के फायरिंग एरिया से सटी वन भूमि पर भी पड़ गए हैं। गोसलपुर थाना की अंतिम सीमा क्षेत्र में आने वाले पिपरसरा एवं पनागर थाना क्षेत्र के भौंरहा गांव में भी देवरी, सिंदुरसी, रमखिरिया की तरह रेत का खनन चल रहा है। सिहोरा-गोसलपुर एरिया में सक्रिय सैन्ड सिंडिकेट द्वारा यहां रानीताल, रामनगर, मडई व अतरिया के रेत के काले कारोबार से जुड़े लोगों की मदद से रेत निकाली जा रही है।

संगम नदी के पास सक्रिय

खनन माफिया नेे पिपरसरा और भौंरहा के बीच संगम नदी के पास सक्रियता बढ़ा रखी है। यहां वन भूमि पर प्रवाहित घंटापाट नाले से हर महीने करीब 20 लाख रुपये बाजार मूल्य की 350 ट्रॉली से अधिक रेत निकाली जा रही है। घंटा पाट नाला के अलावा फॉरेस्ट एरिया में भी कई स्थानों से बेधडक़ रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।


प्रतिबंधित वन क्षेत्र से निकाली जा रही चोरी की यह रेत गोसलपुर व गांधीग्राम के अंदरूनी इलाकों झांसी, सिलुवा, पौंडी, नवेगांव, निंदौरा, टिकरिया, मडई, मढौद, दुबयारा, घुघरी, अतरिया, अगरिया व टिकरिया में बेची जा रही है।

टोकन पर्ची पर हो रहा कारेाबार

सूत्रों के मुताबिक नाले की रेत के अलावा फॉरेस्ट एरिया की लाल भसुआ रेत की इसलिए ज्यादा डिमांड है क्योंकि इसकी ईंट भट्टों पर ज्यादा डिमांड है और यह लाल रेत अंदरूनी इलाकों पठरा, उमरिया, कुशनेर व इसके आसपास के ईंट भट्टों में आसानी से खप जाती है।

इसी डिमांड को देखते हुए यहां सक्रिय अवैध खननकर्ताओं को सिहोरा-गोसलपुर एरिया में सक्रिय उस सिंडिकेट का संरक्षण मिला हुआ है जिसका जिले की रेत ठेका कंपनी से भी गठजोड़ है। इसी वजह से बड़ी खदानों की तरह यहां अल सुबह तक खनन और फिर दिन में टोकन पर्चियों के जरिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था लागू है।

सीएम हेल्प लाइन भी रही बेअसर

टिकरिया के दीपक पटेल तथा गोसलपुर के अर्पित चौबे ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा संबंधित अधिकारियों को कई बार मौखिक शिकायत की गई। रानीताल के मोहनलाल राय ने सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत की, लेकिन पुलिस, राजस्व तथा खनिज महकमे के मैदानी अमले ने रस्मी कार्यवाही कर शिकायतों पर खात्मा लगा दिया।

सूत्रों के मुताबिक रेत के अवैध कारेबार से जुड़े छोटे-बड़े लोगों के प्रति पुलिस व प्रशासन की नरमी की वजह यहां सक्रिय लोगों के पीछे मजबूत सिंडिकेट और ऊंची पकड़ रखने वाली रेत ठेका कंपनी से जुड़े लोगों का हाथ है, इसीलिए बड़ी दबिश की तैयारी होते ही मुख्यालय से इन लोगों तक सूचना पहुंच जाती और सब इधर-उधर हो जाते।


सीसीएफ की कवायद भी काम न आई

हाल ही में वन भूमि से हो रहे रेत के उत्खनन की शिकायत क्षेत्र के बंद्धिजीवियों ने मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) कमल अरोरा से की। चूंकि मामला वनभूमि से जुड़ा था इसलिए उन्होंने संभागीय उडऩ दस्ता तैयार किया। उडऩ दस्ता कई दिन तक दबिश देने जंगल में पहुंचा लेकिन उच्च स्तरीय गठजोड़ के चलते खनन माफिया को पहले ही इसकी सूचना पहुंच गई और सब भूमिगत हो गए।

एक बार फिर गरमाये प्रतिबंधित वन क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन के मामले को लेकर सिहोरा वनमंडल के एसडीओ एम.एल.बरकड़े से बात की तो उन्होंने कहा कि जहां अवैध उत्खनन हो रहा है वह बन भूमि है या नहीं, इसकी जांच करवाई जाएगी। हमारा इलाका निकला तो कार्रवाई की जाएगी। सिहोरा एसडीएम रूपेश रत्नेश सिंघई ने हमेशा की तरह मामले से अनभिज्ञता जता दी।

Created On :   29 March 2025 7:11 PM IST

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