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Jabalpur News: स्टेलियन, लाफ्टा के महारथी अब टैंकों में देंगे नई ताकत, जीसीएफ में दुरुस्त होगी शाफ्ट चेन
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- वाहन निर्माणी में टी-सीरीज के टैंक का मेंटेनेंस होगा, जीएम बाेले- नए युग की शुरुआत होने जा रही
- वर्कलोड को डायवर्ट करने के लिए वाहन निर्माणी में संभावनाएँ तलाशी गईं।
- प्रोजेक्ट की शुरुआत होने के साथ ही व्हीएफजे में कई तरह के बदलाव होंगे।
Jabalpur News: पूरे देश को स्टेलियन और एलपीटीए जैसे युद्धक वाहन देने वाली वाहन निर्माणी का नाम अब टी-70 और टी-90 जैसे टैंकों के साथ जुड़ने जा रहा है। दरअसल, व्हीएफजे में टी-सीरीज टैंकों की पूरी मेंटेनेंस यूनिट तैयार की जा रही है। तकरीबन एक सैकड़ा कर्मियों को इसके लिए विशेष तौर पर ट्रेंड किया गया है। मंगलवार को डीएनसी कैम्पस में नए प्लांट की शुरुआत की गई।
आमने-सामने की जंग में साढ़े 4500 मीटर तक मार करने वाले टी-सीरीज वाले विध्वंसक टैंकों का पूरा मेंटेनेंस अब वाहन निर्माणी में हो सकेगा। अगले एक-दो दिन में सेना की ओर से दो टैंक और व्हीएफजे को सौंपे जाने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि टैंक का निर्माण, असेम्बलिंग और टेस्टिंग जैसे सभी कार्य वैसे ताे हैवी व्हीकल फैक्ट्री चेन्नई में होते हैं, लेकिन अब इसके लिए व्हीएफजे की भी मदद ली जा रही है। शाफ्ट चेन की मरम्मत की जिम्मेदारी जीसीएफ को सौंपी जा रही है।
ऐसा है प्रोजेक्ट-
हैवी व्हीकल फैक्ट्री के पास काफी ज्यादा टारगेट है। शुरुआती दौर में व्हीएफजे कर्मियों को चेन्नई बुलाकर उनकी प्राेडक्शन में मदद ली गई। इसके बाद वर्कलोड को डायवर्ट करने के लिए वाहन निर्माणी में संभावनाएँ तलाशी गईं। इसके बाद व्हीएफजे कर्मियों को अलग-अलग शिफ्टों में ट्रेनिंग के लिए चेन्नई भेजा गया। बाद में रक्षा मंत्रालय के समक्ष प्रपोजल भेजा गया। सूत्रों का कहना है कि मिनिस्ट्री से अनुमति मिलने के साथ ही टैंकों को जबलपुर भेजने की प्रक्रिया पर काम शुरू किया गया।
कोई बाधा न आए भगवान-
व्हीएफजे में सुबह तकरीबन 10 बजे नए प्लांट का भूमिपूजन कराया गया। सीजीएम संजीव कुमार भोला ने कहा कि यह एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों, यूनियन एसोसिएशन एवं कार्य समिति के पदाधिकारियों के साथ सामूहिक रूप से पूजन अर्चन किया और प्लांट के निर्बाध संचालन की प्रार्थना की। इसके लिए पंडित जी को बाकायदा 2 हजार रुपए की दक्षिणा दी गई।
सोल्जर और टेक्निकल्स भी बढ़ेंगे नए ट्रैक पर टेस्टिंग भी होगी
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत होने के साथ ही व्हीएफजे में कई तरह के बदलाव होंगे। जानकारों का कहना है कि यूनिट में भारतीय थल सेना के जवान और तकनीकी विशेषज्ञों की स्थाई तैनाती की जाने वाली है। अलग-अलग परिस्थितियों को टेस्ट करने के लिए निर्माणी में टेस्ट ट्रैक भी तैयार कर लिया गया है।
Created On :   12 Feb 2025 6:50 PM IST