Jabalpur News: 2 लाख रजिस्ट्री हो जाएँगी ऑनलाइन, 1 क्लिक में मिलेगा ब्यौरा, फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश

2 लाख रजिस्ट्री हो जाएँगी ऑनलाइन, 1 क्लिक में मिलेगा ब्यौरा, फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश
  • रोजाना पुरानी रजिस्ट्रियों को किया जाता है स्कैन
  • मप्र शासन ने दिया है कॉन्ट्रेक्ट, अब तक 7900 रजिस्ट्री की स्कैनिंग हो चुकी
  • जानकारों का कहना है कि 100 साल के रिकाॅर्ड को ऑनलाइन किया जाने का प्रावधान है

Jabalpur News: बिना किसी रोक-टोक के एक ही जमीन की दो बार और चार बार रजिस्ट्री हो जाती है और किसी को पता तक नहीं चलता। पिछले दिनों एक मामला सामने आया, जिसमें वसीयत के जरिए मूल मालिक का नाम हटाया गया और दस्तावेजों से छेड़छाड़ करते हुए जमीन का विक्रय कर दिया गया। ऐसी समस्याओं से बचाने के लिए शासन स्तर पर सभी पुरानी रजिस्ट्रियों की स्कैनिंग कराई जा रही है और उन्हें ऑनलाइन किया जाएगा।

इसके बाद जैसे ही किसी जमीन का क्रय-विक्रय होगा तो पुरानी रजिस्ट्री तत्काल सामने आ जाएगी, साथ ही उसके आगे तमाम अन्य दस्तावेज भी लिंक किए जाएँगे। राज्य शासन की ओर से डिजिटल इंडिया लैंड रिकाॅर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत इस कार्य के लिए एक एजेंसी को तय किया गया है जिसके कर्मचारी जिला पंजीयक कार्यालय में रोजाना रजिस्ट्रियों की स्कैनिंग करते हैं।

इस संबंध में वरिष्ठ जिला पंजीयक डॉ. पवन अहिरवाल ने बताया कि यह कार्य जून 2023 से चल रहा है और अब तक करीब 7 हजार 900 रजिस्ट्रियों की स्कैनिंग कराई गई है। करीब 2 लाख रजिस्ट्रियों की स्कैनिंग होनी है जिसमें वक्त तो लगेगा लेकिन एक बार यह कार्य पूरा हो जाएगा तो इससे बहुत सारे लाभ मिलने लगेंगे।

प्रॉपर्टी लेते ही पूर्व के दस्तावेज लिंक हो जाएँगे

जैसे ही कोई प्रॉपर्टी खरीदेगा तो उसका पंजीयन होगा और पंजीयन होते ही पूर्व के दस्तावेज भी रजिस्ट्री के साथ लिंक हो जाएँगे। वर्ष 2015 से सभी दस्तावेज वैसे भी ऑनलाइन हैं और फिलहाल 1995 तक के दस्तावेजों की स्कैनिंग कराई जा रही है। यह कार्य पूरा होने के बाद और पहले के दस्तावेजों की स्कैनिंग का निर्णय लिया जाएगा।

100 साल का रिकाॅर्ड होगा ऑनलाइन

जानकारों का कहना है कि 100 साल के रिकाॅर्ड को ऑनलाइन किया जाने का प्रावधान है, ताकि हमेशा के लिए फर्जीवाड़ा रुक सके। जैसे-जैसे यह कार्य आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे इसमें अन्य सुविधाएँ जोड़ी जाएँगी। भविष्य में रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जमीन के खसरे, खतौनी तथा अन्य दस्तावेज भी लिंक रहेंगे जिससे कोई भी फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा।

Created On :   19 Sept 2024 1:42 PM GMT

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