Jabalpur News: मंत्रालय में अटका पेंटीनाका का फ्लाईओवर चार माह में टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी

मंत्रालय में अटका पेंटीनाका का फ्लाईओवर चार माह में टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी
  • रक्षा मंत्रालय की सहमति के बाद भी अब तक काम आगे नहीं बढ़ सका
  • पेंटीनाका का फ्लाईओवर केन्द्र सरकार की सेतु बंधन योजना में शामिल है।
  • संभावना है कि इसको 180 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा जिसमें से 43 करोड़ की राशि अभी राज्य शासन ने जारी भी कर दी है।

Jabalpur News: पेंटीनाका चौराहे से सर्किट हाउस की ओर प्रस्तावित फ्लाईओवर अब भी प्रोसेस में ही है। एमपीआरडीसी के अनुसार इसका टेंडर अब मंत्रालय से फाइनल नहीं हो सका है। लोकल स्तर पर इसको लेकर प्रक्रिया अपनाई गई और पूरा मामला लोक निर्माण विभाग भोपाल भेज दिया गया है। अब आगे की प्रक्रिया वहीं से पूरी होनी है। एमपीआरडीसी का कहना है कि संभावना है कि इसको जल्द फाइनल कर लिया जाएगा।

वैसे पेंटीनाका चौराहे से सर्किट हाउस की ओर बनने वाला 1200 मीटर का फ्लाईओवर 4 सालों से प्रक्रियाओं में ही उलझा हुआ है। विभाग के दावों से अलग अभी इसका निर्माण आरंभ होने में लंबा वक्त लगने वाला है। जिस हिस्से में यह फ्लाईओवर बनना है, वह सड़क रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इस सड़क में काम करने के लिए विभाग ने एनओसी दे दी है पर अब भी मामला भोपाल में ही उलझा हुआ है। क्षेत्र के लोग भी यह फ्लाईओवर कब बनना आरंभ होगा इसको लेकर उत्सुक हैं।

इस योजना में शामिल है यह फ्लाईओवर

पेंटीनाका का फ्लाईओवर केन्द्र सरकार की सेतु बंधन योजना में शामिल है। इसी योजना में अधारताल बिरसा मुंडा तिराहे का भी फ्लाईओवर स्वीकृत किया गया है। पहले पेंटीनाका के फ्लाईओवर को केवल 500 से 700 मीटर के दायरे में ही बनना था, बाद में इसको 1200 मीटर कर दिया गया है। इसके साथ ही इसकी लागत भी बढ़ गई है। संभावना है कि इसको 180 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा जिसमें से 43 करोड़ की राशि अभी राज्य शासन ने जारी भी कर दी है।

बनने से जाम से मिल सकेगी निजात

पेंटीनाका चौराहे में बीते कुछ सालों से औसत से ज्यादा जाम लगने लगा है। सिग्नल बंद हो या चालू, दोनों दिशा में चौराहे में जाम के हालात बनते हैं। वाएएमसीए तिराहे की ओर से आ रहे लोग बाएँ हिस्से में मुड़़ना चाहें तो दुकानों के सामने खड़े होने वाले वाहनों से उलझ जाते हैं। यहाँ पर सिग्नल ग्रीन होने पर भी बाएँ हिस्से से निकलना मुश्किल होता है।

इसी तरह सर्किट हाउस रोड की ओर जाने पर, सड़क चौड़ी होने पर भी पीक ऑवर्स में जाम लगता है। कई तरह से चौराहे में उलझन है जिससे पूरी तरह से निजात तभी मिल सकती है कि जब यहाँ पर स्थाई रूप से फ्लाईओवर का निर्माण कर दिया जाए।

Created On :   7 Jan 2025 7:07 PM IST

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