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Jabalpur News: खाना बनाने के शौक में खोला ढाबा, मेहनत विश्वास से ढाबे को दिया फाइव स्टार लुक
- मालिक होने के बाद भी निभा रहे शेफ की भूमिका
- अंधमूक बायपास और आईएसबीटी के बाद रामपुर में जल्द शुरू होगी बिट्टू ढाबा की नई ब्रांच
- खाना बनाने के शौक ने बिट्टू को एक नामचीन बिट्टू ढाबा का मालिक बना दिया।
Jabalpur News: एक समय था जब ट्रक ड्राइवर अपने खाने के लिए खाना तो बनाता ही था, साथ में साथियों के लिए भी स्वादिष्ट भोजन बनाता था। उसके हाथ का स्वाद लोगों को इतना भाता कि लोग तारीफ करते नहीं थकते थे। खाना बनाने के इसी शौक ने बिट्टू को एक नामचीन बिट्टू ढाबा का मालिक बना दिया। बिट्टू के ढाबे का ये सफर यहीं नहीं रुका, पहले बरेला हाईवे पर ढाबे की शुरुआत की इसके बाद लोगों की पसंद ने अंधमूक बायपास पर दूसरा ढाबा खोलने की हिम्मत दी।
इतना ही नहीं आज अब दीनदयाल चाैक स्थित आईएसबीटी में एक आलीशान होटल के रूप में बिट्टू का ढाबा संचालित हो रहा है। जल्द ही रामपुर चाैक के पास बिट्टू ढाबा की तीसरी हाईटेक ब्रांच खुलने वाली है। बिट्टू ढाबा के मालिक कुलविंदर पाल सिंह धवन को लोग बिट्टू पाजी के नाम से जानते हैं, खास बात ये है कि कुलविंदर पाल बिट्टू खुद ढाबे के मालिक हैं, लेकिन उनकी भूमिका आज भी किचन में मेन शेफ की ही है।
मेहनत और विश्वास ने सफर किया आसान
कुलविंदर पाल सिंह बिट्टू ने बताया कि देश के बँटवारे के बाद उनके पिता कुलदीप सिंह धवन 1954 में पंजाब से जबलपुर आकर बसे थे। बस स्टैंड में उन्होंने मोटर वर्कशॉप खोला था। पिता के साथ वे भी पहले वर्कशॉप में काम करते थे, लेकिन 1987 में उन्होंने ट्रक ड्राइविंग शुरू कर दी। इसी दौरान उन्हें खाना बनाने का शौक लगा, वे जब भी सफर में जाते थे, तो अपने साथ लोगों को वेज-नॉनवेज की डिश बनाकर खिलाते थे, इसी वजह से उनके मन में ढाबा खोलने का विचार आया और वर्ष 1997 में उन्होंने बरेला-मंडला हाईवे पर शारदा देवी मंदिर से पहले बिट्टू ढाबा खोला और उनकी मेहनत रंग लाई, बिट्टू ढाबा जबलपुर के साथ दूसरे शहर-प्रदेश के लोगों की पसंद बनता चला गया।
बिट्टू सिंह के अनुसार आज भी उनके ढाबे में 25-25 साल पुराने कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनकी हर परेशानी को वे अपनी समझते हैं, ग्राहकों और कर्मचारियों के इसी विश्वास ने आज उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।
सुबह 6 से रात 1 बजे तक करते हैं काम
बिट्टू सिंह ने बताया कि आज भी वे सुबह 6 बजे से रात 1 बजे तक ढाबे में काम करते हैं। सुबह सब्जियाँ लाने के बाद किचन के अंदर सब्जी, दाल, चिकन-मटन सभी चीजों की रेसिपी वे खुद ही तैयार करते हैं। बिट्टू सिंह के अनुसार निहाल भी उन्हीं की तरह मेन शेफ की भूमिका में रहता है।
हर कठिनाई में साथ खड़ी रही पत्नी
बिट्टू सिंह ने बताया कि आज वे जिस भी मुकाम पर पहुँचे हैं, उस पर उनके पिता कुलदीप सिंह धवन और माँ रंजीत कौर धवन का आशीर्वाद रहा। शादी के बाद पत्नी जसप्रीत कौर ने घर सँभाला और उनकी हर कठिनाई में साथ खड़ी रहीं। जसप्रीत के विश्वास और पूजा को ही वे अपनी सफलता का सबसे बड़ा कारण मानते हैं। उनकी एक बेटी भी है जो शादी के बाद अपने परिवार के साथ कनाडा में रह रही है।
दही अंगारा-बटर चिकन स्पेशल डिश
बिट्टू सिंह के अनुसार दही अंगारा और बटर चिकन के साथ मटन बनाने में उन्हें महारत हासिल है। इसके अलावा हर तरह की वेज-नॉनवेज डिशेज भी वे बड़े शौक से बनाते हैं। बिट्टू सिंह के अनुसार नॉनवेज खाने के कई शौकीन लाेग 25 से 30 सालों से उनके ढाबे पर पहुँचते हैं, जिन्हें वे तत्काल खाना बनाकर प्यार से खिलाते हैं।
कोरोना संकट में मुफ्त कराया भाेजन
बिट्टू सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना संकट के दौरान उन्होंने अपने कर्मचारियों की मदद से लोगों की भरपूर मदद की। उनकी लगन को देखते हुए प्रशासन ने भी अंधमूक बायपास में ढाबे संचालित करने के निर्देश दिए जिसकी वजह से पूरे लॉकडाउन के दौरान वे प्रतिदिन 200 से ज्यादा लोगों को मुफ्त भोजन कराते थे।
Created On :   25 Dec 2024 2:36 PM IST