Jabalpur News: शहर के इन 18 क्षेत्रों के एक लाख लोग रोज पीते हैं नालियोंं से गुजरी पाइप लाइन का पानी

शहर के इन 18 क्षेत्रों के एक लाख लोग रोज पीते हैं नालियोंं से गुजरी पाइप लाइन का पानी
  • लापरवाही: गर्मी में यह दूषित पानी हो सकता है घातक, बदइंतजामी में सुधार के लिए अफसरों का रुझान नहीं
  • शहर में नालियों से पेयजल लाइनों को बाहर करने का काम किया जा रहा है।
  • पाइप लाइन में प्रेशर आते ही पहले दूषित पानी लोगों के घरों तक पहुंचता है।

Jabalpur News: 18 ऐसे क्षेत्र जहां पानी तो पहुंचता है लेकिन कई नालियों से गुजर कर। इन कालोनियों तक पहुंचने वाले पाइप लाइन में दर्जनों सुराख भी है। वैसे भोंगाद्वार फिल्टर प्लांट की डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन में मृत बंदर निकलने के मामले के सामने इस तरह की इस तरह की बदइंतजामी अधिकारियों के लिए कोई बढ़ी बात नहीं है। नालियों में बह रहे गंदे पानी के बीच से जा भी पेयजल लाइन के जरिए दूषित पानी लोगों के घरों में पहुंच रहा है वहां लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसके बाद भी पेयजल लाइन को नालियों से बाहर नहीं निकाला जा रहा है।

यहां पानी की सप्लाई दूषित

शहर में गढ़ाफाटक, चेरीताल, पंजाब बैंक कॉलोनी, शिवनगर, विजय नगर, अंधेरदेव, नरघैया, त्रिमूर्ति नगर, दमोहनाका, बल्देवबाग, दीक्षितपुरा, हनुमानताल, छोटा फुहारा, गोहलपुर, मोहरिया, ठक्कर ग्राम, निर्भय नगर और अधारताल क्षेत्र में कई जगह नालियों में पेयजल लाइन डाली गई है। इसकी वजह से इन क्षेत्रों में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है।

साफ पानी के लिए करना पड़ता है इंतजार

नालियों से निकल रही पेयजल लाइन के लीकेज से दूषित पानी मिल जाता है। यह पानी पाइप लाइन में भर जाता है। पाइप लाइन में प्रेशर आते ही पहले दूषित पानी लोगों के घरों तक पहुंचता है। जब तक पाइप लाइन से गंदा पानी खत्म नहीं हो जाता है, तब तक साफ पानी नहीं आता। जिससे कॉलोनियों के लोग परेशान हैं।

नालियों से पेयजल लाइन बाहर करने का वादा अधूरा

नागरिक नगर निगम के अधिकारियों से लंबे समय से नालियों से पेयजल लाइन बाहर करने की मांग कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारी वादा तो करते हैं कि जल्द ही पेयजल लाइनों को नालियों से बाहर कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक नालियों से पेयजल लाइन बाहर नहीं हो पाई है।

नहीं होती पानी के सैम्पल की जांच

नियमानुसार शहर में फिल्टर प्लांट के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में सप्लाई होने वाले पानी के सैम्पल की जांच नियमित रूप से की जानी चाहिए, लेकिन नगर निगम के जल विभाग के अधिकारी पानी के सैम्पल की जांच नहीं कर रहे हैं। इसके कारण लोगों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

हो सकती हैं पेट संबंधी समस्याएं

जिला अस्पताल के मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. आरके चौधरी ने बताया कि गंदा पानी पीने से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इनमें विशेष तौर पर अमीबियासिस, गेस्ट्रोएंटेराइटिस और गेस्ट्राइटिस जैसी समस्याएं प्रमुख हैं। इसलिए पीने के पानी की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। पानी में गड़बड़ी है तो उबालकर और छान कर पिएं।

शहर में नालियों से निकलने वाली पेयजल लाइन से लोगों के घरों तक दूषित पानी पहुंच रहा है। दूषित पानी में इंफेक्टेड बैक्टीरिया होते हैं। इसके चलते लोगों को पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। गर्मी में इंफेक्टेड बैक्टीरिया ज्यादा घातक हो जाते हैं। शहर में अलग-अलग क्षेत्रों से नियमित रूप से पानी के सैम्पल लेकर जांच करानी चाहिए, ताकि लोगों को स्वच्छ जल मुहैया हो सके।

- एचबी पालन, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, केमिस्ट्री

शहर में नालियों से पेयजल लाइनों को बाहर करने का काम किया जा रहा है। जिन क्षेत्र से दूषित पानी की शिकायत आती है, वहां पर जांच कराकर सुधार कार्य किया जाता है।

- कमलेश श्रीवास्तव, जल प्रभारी नगर निगम

Created On :   1 April 2025 2:58 PM IST

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