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Jabalpur News: मगरमच्छों के संरक्षण को लेकर अब नर्सरी तैयार करेगा वन विभाग
- रेंजर और एक्सपर्ट्स की निगरानी में आधुनिक संसाधनों से लैस होकर काम करेगी टीम, प्रपोजल बनाकर भेजा जाएगा भोपाल
- इस नर्सरी के बनने के बाद मगरमच्छों के संरक्षण के साथ ग्रामीणों की सुरक्षा भी पुख्ता होगी।
Jabalpur News: परियट नदी से लगे गाँवों और आसपास के एरिया में पलायन करके आने वाले मगरमच्छों के संरक्षण को लेकर वन विभाग जल्द ही नर्सरी तैयार करेगा। इसके लिए मुख्य वन वृत्त संरक्षक कमल अरोरा (सीसीएफ) जबलपुर ने विशेषज्ञों के साथ मिलकर योजना बनाई है, जिसके तहत जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है लेकिन इस मामले में भी क्रोकोडाइल सैंक्चुअरी की तरह कई तरह की अड़चनें आ सकती हैं, क्योंकि मामला प्रथम श्रेणी के वन्य प्राणी का है, इसलिए वन विभाग किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहता।
इस तरह की नर्सरी बनाने के लिए कई स्तर पर अनुमति लेना आवश्यक होता है, जिसको लेकर तैयारियाँ की जा रहीं हैं। जल्द ही एक प्रपोजल बनाकर फाइल भोपाल भेजी जाएगी और अनुमति मिलने पर इस नर्सरी का काम प्रारंभ होगा।
उल्लेखनीय है कि परियट नदी मगरमच्छों का पुराना प्राकृतिक रहवास है। यहाँ काफी संख्या में छोटे-बड़े मगरमच्छ सालों से देखे जा रहे हैं लेकिन समय के साथ परियट नदी से लगे गाँवों में आबादी बढ़ने और फॉरेस्ट लैंड पर कब्जे होने के बाद मगरमच्छों के जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ा और यही वजह है कि हर साल बारिश के दौरान नदी का जलस्तर बढ़ने पर यहाँ के मगरमच्छ खेत, नालों और आसपास की बस्तियों तक पहुँचते हैं।
बीते पाँच सालों में तो मगरमच्छों का पलायन काफी तेजी से बढ़ा जिसके कारण अब हर मौसम में गाँवों और रहवासी एरिया में हमेशा मगरमच्छ देखे जाते हैं। इस दौरान काफी संख्या में नवजात मगरमच्छों की या तो स्वाभाविक मौत हो जाती है या उनका शिकार कर लिया जाता है। इसके अलावा मगरमच्छ प्रभावित गाँवों से भी लगातार माँग की जा रही थी। इन्हीं तमाम बातों को देखते हुए वन विभाग ने परियट नदी से निकलकर यहाँ-वहाँ पलायन करने वालों मगरमच्छों के लिए नर्सरी बनाने का निर्णय लिया है।
रेंजर की निगरानी में काम करेगी टीम
सूत्रों के अनुसार हाल ही में सीसीएफ कमल अरोरा ने वन विभाग के अधिकारियों व वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग की, जिसमें मगरमच्छ नर्सरी बनाने का निर्णय लिया गया। इस मीटिंग में मौजूद वन्य प्राणी विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ ने बताया कि प्लानिंग के अनुसार सीनियर रेंजर की निगरानी में एक टीम बनाई जाएगी, जिसमें वनरक्षकों के साथ वन्य प्राणी विशेषज्ञ और ग्रामीण भी शामिल होंगे।
टीम के सभी सदस्यों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद परियट नदी के आसपास के उन एरियों को चिह्नित किया जाएगा, जहाँ से मगरमच्छ रहवासी एरिया में पलायन करते हैं। इन सभी जगहों को कवर्ड किया जाएगा, ताकि मगरमच्छ अपने निर्धारित स्थान पर ही विचरण करें। नर्सरी केन्द्रीय वन मंत्रालय के नियमों के तहत रहेगी, जहाँ रहवासी एरिया से पकड़े गए मगरमच्छों को रखा जाएगा और कुछ दिन बाद इन्हें वापस नदी में छोड़ा जाएगा।
मगरमच्छों का संरक्षण व पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस नर्सरी के बनने के बाद मगरमच्छों के संरक्षण के साथ ग्रामीणों की सुरक्षा भी पुख्ता होगी। इसके अलावा जबलपुर में नया पर्यटन क्षेत्र भी विकसित होगा। इस नर्सरी को मंडला में दादरी अजगर क्षेत्र की तरह विकसित करने का प्लान है, क्योंकि मंडला से कान्हा नेशनल पार्क के बीच दादरी गाँव में भी अजगर प्रभावी क्षेत्र को संरक्षित करके नया पर्यटन क्षेत्र बनाया गया है। ये देश की पहली अजगर संरक्षित जगह है और यहाँ काफी संख्या में लोग तरह-तरह की प्रजाति के अजगर देखने के लिए पहुँचते हैं।
Created On :   13 Jan 2025 6:45 PM IST