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Jabalpur News: जमीनों का रिकाॅर्ड अब महीनों में नहीं मिनटों में मिल जाएगा
- बस्ते नहीं बॉक्स में हो रहे सुरक्षित, ढाई हजार से अधिक कर्मचारियों से कराया जा रहा कार्य
- रिकाॅर्ड रूम जिले का इतिहास होता है। वहाँ का हर दस्तावेज जरूरी होता है।
- अभी तो कागजी दस्तावेजों को सुरक्षित किया जा रहा है। इसके बाद इन सभी दस्तावेजों को स्कैन करने की भी योजना है।
Jabalpur News: एक सदी से भी अधिक समय के दस्तावेज तलाशने के लिए अब बहुत अधिक वक्त नहीं लगेगा, बल्कि कुछ ही पलों में सारे दस्तावेज आपके सामने आ जाएँगे। दस्तावेजों से दीमक या चींटी मार पाउडर की महक भी नहीं आएगी, क्योंकि सारे दस्तावेज प्लास्टिक के बॉक्स में सुरक्षित किए जा रहे हैं। इसके लिए जिले भर के सरकारी विभागों के कर्मचारियों का सहारा लिया जा रहा है और उन्हें कलेक्ट्रेट में राजस्व रिकाॅर्ड सुरक्षित रखने के लिए बुलाया जा रहा है।
कलेक्ट्रेट में वर्षों से राजस्व रिकाॅर्ड को सुरक्षित रखा गया है लेकिन इसके पहले वे सीलन और बदबू भरे कमरों में रखे जाते थे, जबकि कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जब से ध्यान दिया है रिकाॅर्ड रूम की किस्मत ही बदल गई है। अब यहाँ एसी रूम का निर्माण हो रहा है और कपड़े की जगह दस्तावेजों को पहले पॉलीथिन में सुरक्षित रखा जा रहा है और उसके बाद उन्हें तहसीलवार प्लास्टिक के बक्से में बंद किया जा रहा है। सभी पर नम्बर डाले जा रहे हैं, ताकि तलाशने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
10 तहसीलों का होता है जिम्मा
रिकाॅर्ड रूम के पास 10 तहसीलों के दस्तावेजों का जिम्मा होता है और औसतन रोजाना 100 से अधिक जानकारी प्रदान की जाती है। यह अलग बात है कि बस्ते होने के बाद भी कुछ कर्मचारी कम्प्यूटर से भी तेज गति से काम करते थे और उन्हें लगभग हर बस्ता रटा हुआ था कि वह कहाँ रखा है। किस तहसील की जानकारी किस जगह है और कौन से नम्बर में किस प्रकार की जानकारी रखी है।
बक्से के नम्बर होंगे फीड-अब हर बक्से पर एक नम्बर फीड किया जा रहा है और इस नम्बर की सूची कम्प्यूटर पर डाली जाएगी। इसके लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक एप भी तैयार करवाया है जिसमें पूरी जानकारी फीड रहेगी और उसके बाद तहसील, गाँव, खसरा आदि की जानकारी डाली जाएगी। इसके जरिए कुछ ही देर में माँगी गई जानकारी को प्रदान किया जाएगा।
रिकाॅर्ड रूम जिले का इतिहास होता है। वहाँ का हर दस्तावेज जरूरी होता है। यही कारण है कि उसे सुरक्षित करने की योजना लागू की गई। अब तो अधिकांश दस्तावेज सुरक्षित हो गए हैं। जल्द ही नया रिकाॅर्ड रूम भी हमारे सामने होगा। अब दस्तावेज तलाशने में अधिक मेहनत की जरूरत भी नहीं होगी।
-दीपक सक्सेना, कलेक्टर
आने वाले समय में स्कैन होंगे दस्तावेज
अभी तो कागजी दस्तावेजों को सुरक्षित किया जा रहा है। इसके बाद इन सभी दस्तावेजों को स्कैन करने की भी योजना है। इसके जरिए हर जानकारी ऑनलाइन हो जाएगी। जैसे ही किसी जानकारी को माँगा जाएगा तत्काल ही कम्प्यूटर के जरिए ही उसकी कॉपी निकालकर दे दी जाएगी। इससे कागज के दस्तावेज हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाएँगे।
Created On :   12 Dec 2024 7:30 PM IST