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Jabalpur News: जेडीए के करोड़ों के प्लॉट की हो गई बंदरबाँट
- बेशकीमती योजना के मुख्य मार्ग पर कर दिए प्लॉट अलॉट
- किस आधार पर इन्हें प्लाॅट दिए गए हैं इसका भी आधार जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।
- इस योजना क्रमांक के बारे में राज्य शासन को भी गलत जानकारी प्रेषित की गई।
Jabalpur News: जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी योजना क्रमांक-31 की दुहाई देकर जेडीए की अन्य विकसित योजनाओं में आँख बंद करके प्लाॅट दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि योजना क्रमांक-31 जो जेडीए द्वारा विकसित ही नहीं की गई, जहाँ प्राधिकरण को एक पैसा नहीं मिला और प्राधिकरण कोर्ट में यह लिखकर दे चुकी है कि योजना क्रमांक-31 चलने योग्य नहीं है।
इसके बाद भी योजना क्रमांक-31 का हवाला देकर जेडीए की अन्य योजना क्रमांकों में जहाँ प्लाॅटों का बाजार मूल्य बहुत अधिक है वहाँ प्लॉट देने के गोरखधंधा में अधिकारी लगे हुए हैं। इस योजना क्रमांक के बारे में राज्य शासन को भी गलत जानकारी प्रेषित की गई।
बिल्डर व दलालों को दे दिए करोड़ों के प्लॉट
लोकायुक्त को शिकायतकर्ता शैलेन्द्र कुमार व प्रशांत ने लिखित में आरोप लगाया है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने योजना क्रमांक-31 के बदले महेन्दरधर बडगइयां, अाशीष गोंटिया, बंशीधर बडगइयां, श्रीमती केवट, देवी प्रसाद, सतीश रंजन दुबे के प्रकरणों में अभी तक लगभग 75 से 80 हजार वर्गफीट तक के विकसित प्लॉट ढूँढ-ढूँढकर योजना क्रमांक 11, 5, 16 व 14 में दिए गए हैं।
इनके ऑफर निकाले जाते तो औसत कम से कम 8 हजार रुपए वर्गफीट के हिसाब से जेडीए के खाते में राजस्व आता। पूरा आकलन किया जाए तो 65 करोड़ रुपए जेडीए के खाते में जमा होता। ऐसा न करके बिल्डर व दलालों को लाभ अधिकारियों के द्वारा पहुँचाया गया है। शिकायत में आरोप है कि अधिकारियों, बिल्डर व दलालों की मिलीभगत से बंदरबाँट का खेल लगातार जारी है और जिम्मेदार अधिकारी अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।
शिकायत में यह भी आरोप है कि आशीष गोंटिया निवासी बचपन स्कूल विजय नगर लमती, गौरव भुर्रक निवासी ग्राम बम्हनोदा शहपुरा नटवारा की जमीन अधिग्रहण की गई थी। उसी जमीन के समझाौते में जेडीए को 31 नंबर योजना में ही जमीन देनी थी पर योजना क्रमांक-पाँच में प्लॉट अलॉट कर दिए गए।
दस्तावेजों के अनुसार अधिग्रहण की गई जमीन जिन नामों से है उन्हीं को दी जानी थी पर जेडीए ने चुकता नामा के आधार पर शिवम गुप्ता निवासी महाकाली वार्ड देवरी सागर, अभिषेक शर्मा पिता रमेश शर्मा निवासी राइट टाउन के नाम पर प्लॉट अलॉट कर दिए। किस आधार पर इन्हें प्लाॅट दिए गए हैं इसका भी आधार जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।
ये प्लॉट दिए जेडीए ने
शिकायतकर्ताओं के अनुसार जबलपुर विकास प्राधिकरण योजना क्रमांक-5 में भूखंड क्रमांक 1319, 1520, योजना क्रमांक 11, 16 में प्लॉटों की कीमत एक से डेढ़ करोड़ रुपए है। जिम्मेदार अधिकारियों ने गोलमाल करते हुए राजस्व हानि पहुँचाकर तीसरे व्यक्ति को लाभ पहुँचा दिया। क्रमांक 169, डी 5, डी 6, डी 9, डी13, डी16 को अलॉट करने से जेडीए को लगभग ढाई करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई है।
जेडीए सीईओ कुछ भी बोलने तैयार नहीं
वहीं इस संबंध में जबलपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक वैद्य से संपर्क किया गया तो पहले उन्होंने अपने सहयोगियों से फोन लगवाकर अस्वस्थ होने की जानकारी दी। दूसरे दिन उनसे संपर्क किया गया तो वे इस संबंध में किसी भी तरह का अपना पक्ष देने से बचते रहे।
Created On :   18 Sept 2024 5:19 PM IST