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Jabalpur News: कॉलेज शिक्षकों को अब सार्थक एप पर अटेंडेंस लगाना अनिवार्य अन्यथा रुक सकता है वेतन
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- आज से लागू हो रही व्यवस्था, एप को लेकर कई शिकायतें भी आईं सामने
- कॉलेज के शिक्षकों को सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है। उसी के आधार पर वेतन होगा।
- एप अब कॉलेज के शिक्षकों और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
Jabalpur News: उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए सार्थक एप को 1 मार्च से अनिवार्य कर दिया गया है। अब इस एप के जरिए लगने वाली हाजरी के मुताबिक ही कॉलेज के शिक्षकों एवं कर्मचारियाें का वेतन होगा। हालांकि, यह एप अब कॉलेज के शिक्षकों और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
नेटवर्क की समस्या, गलत लोकेशन और फेस रिकग्निशन जैसी अनिवार्य प्रक्रिया कई शिक्षकों के वेतन पर संकट खड़ा कर सकती है। कई शिक्षकों का कहना है कि यह एप व्यावहारिक नहीं है। नेटवर्क की समस्या और दृष्टिबाधित शिक्षकों की कठिनाइयों को देखते हुए सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।
बताया जा रहा है, कि यदि किसी शिक्षक ने पहले बिना दाढ़ी-मूंछ के फोटो अपलोड की है और बाद में बदलाव के साथ चेहरा स्कैन करवाता है, तो मशीन उसे पहचानने से इनकार कर देती है। नया फोटो अपलोड करना हो तो मोबाइल रिसेट करने के बाद 15 दिन का इंतजार करना पड़ता है।
नेटवर्क समस्या से उपस्थिति दर्ज करना नहीं हो रहा संभव | ऐसे में सार्थक एप के जरिए उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं हो रहा है, दूरदराज के कॉलेजों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या आम है।
दृष्टिबाधित शिक्षकों के लिए मुश्किलें
प्राध्यापक संघ के संभागीय अध्यक्ष प्रो. अरुण शुक्ला ने बताया कि सार्थक एप में फेस रिकग्निशन के लिए पलकों का झपकाना अनिवार्य किया गया है। यह प्रक्रिया दृष्टिबाधित या नेत्रहीन शिक्षकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है, क्योंकि वे इस अनिवार्य प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकते। इससे उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं होगी और उनका वेतन भी अटक सकता है।
कॉलेज के शिक्षकों को सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है। उसी के आधार पर वेतन होगा। हालांकि इस मामले में लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, शिकायतों का समाधान भी कराया जा रहा है।
- डॉ. संतोष जाटव, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा
Created On :   1 March 2025 12:58 PM IST