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Jabalpur News: "ओटीपी से पहचान" सरकार को सुरक्षित करना चाहिए
- व्यापारी और देश के सामान्य नागरिकों को लुटा जा रहा है।
- मौजूदा वक्त में ऑनलाईन ठगी करने वाले गिरोह के कारण फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं।
- साइबर अपराधी नये-नये तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।
Jabalpur News: ओटीपी, या वन टाईम पासवार्ड एक अस्थायी पासवर्ड है जो विशिष्ट रुप से अनुबंध और ग्राहक से जुड़ा होता है, जिसे मेसेज के द्वारा भेजा जाता है। और अनुबंध को करने के लिये इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर के रुप में उपयोग किया जाता है। सरकार द्वारा सभी कामों के लिये ओटीपी का उपयोग किया जा रहा है। बैंक, आयकर विभाग, ई-कॉमर्स कम्पनी, जीएसटी कम्पनी, बीमा कम्पनी, परिसम्पति प्रबंधन, पेंशन फंड, किसान योजनाएँ एवं अन्य आदि सभी विभागों द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है।
जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ रहा है वैसे-वैसे डिजीटल फ्राड भी बड़ते जा रहे हैं। इंडियन साइबर अपराध को-आर्डिनेशन सेंटर के मुताबिक 11 लाख से भी ज्यादा साइबर फ्राड की शिकायतें दर्ज की गई है। यानी हर दिन 8000 साइबर फ्राड की शिकायतें मिली है।
मौजूदा वक्त में ऑनलाईन ठगी करने वाले गिरोह के कारण फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। साइबर अपराधी नये-नये तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। जबलपुर चेम्बर के अध्यक्ष प्रेम दुबे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं ग्रह मंत्री से आग्रह किया है कि ओटीपी को सुरक्षित करें नहीं तो देश के व्यापारी और आम आदमी को बहुत अधिक नुकसान होने की सम्भावना है।
व्यापारी और देश के सामान्य नागरिकों को लुटा जा रहा है। शासन को शीघ्र इस पर ध्यान देना चाहिये। जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के कमल ग्रोवर, राधेश्याम अग्रवाल, अजय अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, अजय बख्तावर, नरिंदर सिंह पांधे, दीपक सेठी अभिषेक ओसवाल, राजीव अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल (बंसाला), राकेश श्रीवास्तव, शशिकांत पांडेय आदि ने अपील की है कि शासन ओटीपी को सुरक्षित बनाये।
धन्यवाद सहित, शशिकांत पांडेय (प्रवक्ता)
Created On :   1 Oct 2024 6:08 PM IST