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Jabalpur News: वाहन रजिस्ट्रेशन में मोबाइल अपडेट की फीस जीरो, वसूल रहे 1500 रुपए
- आरटीओ में दलालों के आगे सभी विभाग बेबस
- जहाँ कोई फीस या चार्ज भी नहीं लगना चाहिए उसके पैसे भी अदा कर रही जनता
- लोगों का कहना कि कहीं कोई सुनवाई नहीं
Jabalpur News: परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और परिवहन संबंधी अन्य वर्क कराने के लिए बस ज्यादा फीस नहीं देनी पड़ती, जो काम मुफ्त में सामान्य प्रोसेस के हो सकते हैं उनके लिए दलाल वसूली कर रहे हैं। इसमें बानगी के तौर पर मोबाइल अपडेट फीस को ही लिया जा सकता है। परिवहन विभाग में अधिकृत तौर पर मोबाइल नंबर अपडेट करने की फीस तो जीरो है, लेकिन इसके लिए आरटीओ के सामने दलाल 500 से 1500 रुपए तक वसूल रहे हैं।
इस तरह जो काम आसानी से सामान्य प्रोसेस से हो सकता है उसमें वसूली चल रही है। आरटीओ परिसर पर जो लोग ऐसे सामान्य वर्क के लिए जाते हैं उन्हें इसके संबंध में जानकारी देने के लिए कोई व्यक्ति नहीं है, जिससे उपभोक्ता सहज रूप में दलालों के हाथों में पड़ जाता है। लोगों का कहना है कि परिवहन कार्यालय में कर्मचारी और अधिकारियों को इससे कोई वास्ता नहीं कि आने वाले लोगों को परेशान क्या है। सीधे तौर पर विंडों से कोई सकारात्मक उत्तर ही नहीं मिलता। इसलिए दलालों के पास ही जाना पड़ता है।
मोबाइल नंबर क्यों है जरूरी
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है। मोबाइल नंबर अपडेट नहीं रहने पर वाहन का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा सकेगा। टैक्स जमा करने के लिए भी मोबाइल पर मैसेज और ओटीपी जरूरी है। मोबाइल अपडेट न होने की दशा में वाहन मालिक परिवहन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे विभिन्न सेवाओं से वंचित रह सकता है।
रोड सेफ्टी से संबंधित योजनाओं की जानकारी निर्बाध रूप से वाहन मालिकों तक मोबाइल से पहुँचाई जाती है। मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराने पर मोटरवाहन अधिनियम के तहत वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
सिर्फ बातें कार्रवाई नहीं
कार्यालय में आने वाले लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग में जो बेवजह के चार्ज एजेंट लेते हैं इन पर कन्ट्रोल या अंकुश लगाने के लिए बातें तो बड़ी-बड़ी होती हैं पर कोई ठोस कार्रवाई कभी नहीं होती। हालात यहाँ तक हैं कि दिन में ये पूरे कार्यालय में सक्रिय रहते हैं और इनके आगे कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सब बेबस नजर आते हैं।
Created On :   7 Jan 2025 7:25 PM IST