Jabalpur News: पौने 2 साल का वक्त बीता गठित नहीं हो पाया मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड

पौने 2 साल का वक्त बीता गठित नहीं हो पाया मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड
  • टेस्ट रिपोर्ट: जिला अस्पताल में चिन्हित हुई थी जगह, विलम्ब के कारण मानसिक पीड़ितों को झेलनी पड़ रही समस्या
  • विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की मंशा के अनुसार मेंटल केयर एक्ट को फॉलो किया जाना है

Jabalpur News: मानसिक रोगियों को समुचित इलाज और किसी भी तरह की समस्या के निदान के साथ न्याय मिल सके, इस आशय के साथ बनाए जा रहे मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड की शुरुआत अब तक नहीं हो सकी है। जिला अस्पताल में शुरू होने वाले बोर्ड को लेकर 1 वर्ष 9 माह बाद भी कोई अपडेट नहीं है। बोर्ड के गठन को लेकर जुलाई 2023 में प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब भोपाल से आई एक टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी किया था।

बोर्ड के लिए स्थान के चयन पर भी चर्चा हुई थी, लेकिन इस बात को अब काफी वक्त बीत चुका है। बोर्ड की बैठक शुरू न होने से मानसिक रोगियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि चार सदस्यीय बोर्ड में अब तक ज्यूडिशरी से कोई नाम तय नहीं हो सका है, जिसके चलते लंबे वक्त से बोर्ड का कार्य शुरू नहीं हो सका है।

मानसिक रोगी कर सकेंगे शिकायत

विशेषज्ञों के अनुसार यह एक संभाग स्तरीय बोर्ड होगा, जिसमें पूरे संभाग से आए मानसिक राेगी अपनी समस्या को रख सकेंगे। बोर्ड में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज, कलेक्टर या उनकेे प्रतिनिधि, मानसिक रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी होंगे। बोर्ड के समक्ष मौलिक अधिकारों के हनन पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी। चाहे वह जमीन-जायदाद से जुड़ी कानूनी समस्याएं हों या इलाज में आ रही कोई परेशानी, तकलीफों का निराकरण बोर्ड करेगा। मरीजों को इलाज के लिए जबलपुर समेत अन्य शहरों में भेजने और समुचित इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में भी बोर्ड कार्य करेगा।

मेंटल केयर एक्ट के तहत बना रहे बोर्ड

विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की मंशा के अनुसार मेंटल केयर एक्ट को फॉलो किया जाना है, इसलिए वर्ष 2017 के नए मेंटल केयर एक्ट के तहत यह बोर्ड बनाए जा रहे हैं। इसमें यह सुविधा भी है कि कोई व्यक्ति पहले से लिखकर दे सकता है कि अगर वह किन्हीं कारणों से मानसिक रोगी हो जाता है तो अपने निर्णय लेने के लिए किसी को नामित कर सकता है। नामित व्यक्ति इलाज का डिसीजन भी ले सकेगा। आने वाले समय में यह बोर्ड डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी बनेंगे, फिलहाल जबलपुर में इसे संभाग स्तर पर शुरू किया जाना था, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो सका है।

मरीजों की संख्या पर तय होती है बैठक

जानकारी के अनुसार भोपाल से आई टीम ने 3 कमरे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अधिकारियों ने बोर्ड के लिए जिला अस्पताल में जगह चिन्हित की थी। बताया गया था कि बोर्ड हफ्ते में 1 दिन अथवा 15 दिन में एक बार बैठ सकता है, यह मरीजों की संख्या पर निर्भर करेगा।

सिविल कोर्ट लिखा है पत्र

4 सदस्यीय बोर्ड की अध्यक्षता न्यायविद करेंगे। बाकी मेंबर्स के नाम तय हो चुके हैं, लेकिन ज्यूडिशरी से अब तक नाम तय नहीं हुआ है। डिस्ट्रिक्ट जज स्तर के न्यायविद के नॉमिनेशन के लिए सिविल कोर्ट को पत्र लिखा गया है, वहां से नाम तय होते ही बोर्ड की नियमित बैठक शुरू हो जाएगी।

- डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ

Created On :   1 April 2025 2:39 PM IST

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